जापान: 27 अक्टूबर को आम चुनाव कराने की योजना बना रहे हैं भावी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा

Japan: Future Prime Minister Shigeru Ishiba is planning to hold general elections on October 27

 

टोक्यो: जापान के भावी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने सोमवार को कहा कि वह 27 अक्टूबर को आम चुनाव कराने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद का निचला सदन 9 अक्टूबर को भंग कर दिया जाएगा। पूर्व रक्षा मंत्री ने जल्द से जल्द जनता का जनादेश प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, इशिबा ने शुक्रवार को आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची को हराकर देश की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) का नेतृत्व चुनाव जीता था।

एलडीपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने जापान में संसद के दोनों सदनों में बहुमत हासिल कर लिया है, इसलिए नए पार्टी प्रमुख के रूप में इशिबा का मंगलवार को प्रधानमंत्री चुना जाना तय है। वह फूमियो किशिदा की जगह लेंगे।

शुक्रवार को अपनी जीत के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इशिबा ने एलडीपी के भीतर विश्वास और एकता के पुनर्निर्माण के लिए पूरी कोशिश करने का वादा किया। उन्होंने एलडीपी के एक ऐसी पार्टी बनने पर जोर दिया जो विनम्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हो।

एलडीपी नेतृत्व के लिए इशिबा की यह पांचवीं दावेदारी थी। पिछले कुछ वर्षों उनकी इमेज रक्षा और कृषि की गहरी जानकारी रखने वाले अनुभवी नीति विशेषज्ञ के रूप में बनी है।

इशिबा के सामने तत्काल कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। इनमें एलडीपी में जनता का भरोसा बहाल करना शामिल है, जिसकी छवि को ‘स्लश फंड’ घोटाले की वजह से गहरा धक्का पहुंचा है। चीन, उत्तर कोरिया और रूस से बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उनके नेतृत्व का परीक्षण होना है।

कुछ दिन पहले ही मुख्य विपक्षी दल कांस्टीट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान (सीडीपीजे) के अध्यक्ष पद का भी चुनाव हुआ। विपक्षी पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री योशीहिको नोडा को अपना नया नेता चुना है।

सीडीपीजे संभावित आम चुनाव में अधिक सीटें हासिल करने की कोशिशों को तेज कर रही है। यह लंबे समय से प्रभावी एलडीपी को गंभीर चुनौती देना चाहती है।

जापान में, नया प्रधानमंत्री अक्सर निचले सदन को जल्द भंग करने के लिए शीघ्र चुनाव की घोषणा करता है, ताकि हाई अप्रूवल रेटिंग का फायदा उठाकर जनता से जनादेश प्राप्त किया जा सके और अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाया जा सके।

Related Articles

Back to top button