आरजी कर मामला : पश्चिम बंगाल के निजी अस्पतालों के डॉक्टर भी विरोध-प्रदर्शन में होंगे शामिल
RG tax case: Doctors of private hospitals of West Bengal will also join the protest
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के विभिन्न निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने अगस्त में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों के विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने का फैसला किया है।
विभिन्न निजी अस्पतालों से जुड़े डॉक्टरों का एक समूह शनिवार को आठ जूनियर डॉक्टरों के आमरण अनशन के मंच पर पहुंचा और घोषणा की कि वे सोमवार से 48 घंटे के लिए आंशिक रूप से काम बंद रखेंगे।
कोलकाता के एक प्रमुख निजी अस्पताल से जुड़े एक डॉक्टर ने कहा, “आंशिक रूप से काम बंदी सोमवार सुबह 6 बजे से शुरू होगी और बुधवार सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी। इस दौरान इन निजी अस्पतालों में केवल आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं ही उपलब्ध कराई जाएंगी।”
यह पूछे जाने पर कि क्या इस कदम से इन अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को असुविधा होगी, उन्होंने कहा कि व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने राज्य में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं बरकरार रखने का फैसला किया है।
डॉक्टर ने कहा, “यह केवल डॉक्टरों का आंदोलन नहीं है। यह आंदोलन व्यापक जनहित में है। प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को जनता का समर्थन मिला है। हम उन लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं, जो हमेशा हमारे साथ खड़े रहे हैं कि किसी भी आपात स्थिति में उन्हें इलाज से वंचित नहीं किया जाएगा।”
निजी अस्पताल से जुड़े डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें एस्प्लेनेड के एक होटल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा करनी थी।
एक डॉक्टर ने कहा, “हालांकि होटल के अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए एक हॉल किराए पर देने पर सहमति जताई थी, लेकिन बुकिंग राशि का भुगतान करने के समय वे पीछे हट गए। हमने सुना है कि पुलिस के दबाव के कारण होटल के अधिकारियों ने कदम पीछे खींच लिए। इसलिए, हमने भूख हड़ताल स्थल से यह घोषणा करने का फैसला किया।”
यह घोषणा भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर.वी. अशोकन द्वारा शुक्रवार को भूख हड़ताल स्थल पर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से मिलने के लिए राज्य में आने के एक दिन बाद की गई। उन्होंने कहा कि आंदोलन निजी हित में नहीं बल्कि व्यापक जनहित में है।