चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला व्यवसायिक सफलता के साथ संपन्न
38 देशों के 235 से अधिक अंतराष्ट्रीय खरीदार और 255 खरीद प्रतिनिधियों ने किया प्रतिभाग
रिपोर्ट अशरफ संजरी
भदोही। कार्पेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (सीईपीसी) द्वारा कार्पेट एक्सपो मार्ट में आयोजित 47वां इंडिया कार्पेट एक्सपो आज सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस चार दिवसीय आयोजन 15 से 18 अक्टूबर के आयोजन में 38 देशों के 235 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और 255 खरीद प्रतिनिधियों को आकर्षित किया। भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों की समृद्ध परंपरा और उत्कृष्ट कारीगरी को प्रदर्शित करते हुए इस एक्सपो ने महत्वपूर्ण व्यावसायिक सहयोगों के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
सीईपीसी के अध्यक्ष कुलदीप राज वाटल, प्रशासन समिति के सदस्य, पूर्व सीओए सदस्य प्रमुख निर्यातक, और अन्य विशिष्ट अतिथि भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। सीईपीसी के कार्यकारी निदेशक प्रभार जगमोहन ने विश्वास व्यक्त किया कि यह एक्सपो कालीन उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्य अतिथि गिरिराज सिंह ने वस्त्र उद्योग की रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया था। जूट और बांस जैसे नए फाइबर मिश्रणों के विकास जैसी चल रही पहलों की चर्चा की थी। उन्होंने उद्योग को इस क्षेत्र में स्पिनिंग मिल्स स्थापित करने पर विचार करने की सलाह दी थी। जिससे न केवल परिवहन लागत में बचत होगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे और हस्तनिर्मित कालीन उद्योग का समग्र विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने कालीन उद्योग को सरकार से निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया और वैश्विक प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए तकनीकी प्रगति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इस संस्करण की प्रमुख विशेषताएं थीं कि सीईपीसी थीम पैवेलियन में लाइव कालीन बुनाई का प्रदर्शन। जिसमें आगंतुकों को हस्तनिर्मित कालीनों के पीछे की बारीक कारीगरी की झलक देखने को मिली। जिला जेल ज्ञानपुर के कैदियों द्वारा बनाए गए कालीन। जिन्हें उनकी कलात्मक गुणवत्ता और सामाजिक प्रभाव के लिए व्यापक सराहना मिली। इन अनोखे आकर्षणों ने विदेशी खरीदारों को प्रभावित किया, जिससे एक्सपो के सांस्कृतिक आयाम को बढ़ावा मिला और कला एवं पुनर्वास प्रयासों को प्रदर्शित करने का एक मंच प्रदान किया। 265 प्रदर्शकों ने पारंपरिक और नवीन डिजाइनों का प्रदर्शन किया। 235 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और 255 खरीद प्रतिनिधियों ने सार्थक व्यावसायिक चर्चाओं में भाग लिया। एक्सपो के दौरान बड़े पैमाने पर निर्यात आदेश प्राप्त हुए, जिससे दीर्घकालिक व्यावसायिक संबंधों की नींव पड़ी। यह अनुमान है कि इस एक्सपो से लगभग 450-500 करोड़ रुपये का व्यापार उत्पन्न होगा।
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इस एक्सपो से उत्पन्न व्यापार से पहुंचेगा लाभ: वाटल
सीईपीसी चेयरमैन कुलदीप राज वाटल ने कहा कि
अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से मिली शानदार प्रतिक्रिया इस मंच के महत्व को प्रमाणित करती है। हमें विश्वास है कि इस एक्सपो से उत्पन्न व्यापार भारत भर के बुनकरों और कारीगरों को लाभ पहुंचाएगा।
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उभरें भविष्य के अवसरों से है उत्साहित: वासिफ
प्रशासन समिति के सदस्य और एक्सपो के संयोजक मो. वासिफ अंसारी ने आभार व्यक्त करते हुए पूरे कालीन उद्योग का सहयोग के लिए हार्दिक धन्यवाद किया और सभी विदेशी खरीदारों का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि कालीन समुदाय का समर्थन और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की उपस्थिति इस एक्सपो की सफलता में महत्वपूर्ण रही है। हम इन संपर्कों से उभरे भविष्य के अवसरों को लेकर उत्साहित हैं।
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बुनकरों के जीवन पर डालेंगी प्रभाव: जगमोहन
सीईपीसी के कार्यकारी निदेशक प्रभारी जगमोहन ने कहा कि यह आयोजन हमारे हस्तनिर्मित कालीन क्षेत्र को बढ़ावा देने और ग्रामीण कारीगरों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस एक्सपो की सफलता बुनकरों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगी।
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प्रशासनिक समिति का योगदान रखा सराहनीय
प्रशासन समिति के सदस्यों ने आयोजन की सफलता और निर्बाध संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अनिल कुमार सिंह, सूर्यमणि तिवारी, मो.वासिफ अंसारी, असलम महबूब, इम्तियाज अहमद, रोहित गुप्ता, पीयूष बरनवाल, हुसैन जफर हुसैनी, संजय गुप्ता, रवि पटोदिया, शेख आशिक अहमद, महावीर प्रताप शर्मा, बोधराज मल्होत्रा, दीपक खन्ना, मेहराज यासीन जान, मुकेश कुमार गोंबर, और शौकत खां का महत्वपूर्ण योगदान रहा।