देश भर में सीएपीएफ कर्मियों के आश्रितों के लिए 26 एमबीबीएस और 3 बीडीएस सीटें आरक्षित : अमित शाह
26 MBBS and 3 BDS seats reserved for dependents of CAPF personnel across the country: Amit Shah
नई दिल्ली:। गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही देश की सुदूर तक फैली सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए सभी बलों का आभार भी जताया।
उन्होंने कहा, “पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। आज देश के विभिन्न इलाकों और जगहों पर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले अलग-अलग बल के जवानों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं। मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि यहां आकर अमर जवानों को श्रद्धांजलि देने का मुझे मौका मिला। यही हमारे जवान हैं कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कच्छ से लेकर किबिथू तक फैली हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखते हैं।”
केंद्रीय पुलिस बलों के लिए किए गए कामों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, “हमने 113 बैरकों को मंजूरी दी है और 24 मार्च तक 11276 घरों और 111 बैरकों का निर्माण पूरा हो चुका है। हमने सीएपीएफ ई आवास वेब पोर्टल के माध्यम से खाली घरों को आवंटित करने का भी काम किया है। प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना हमारे पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए वरदान साबित हुई है और सीएपीएफ कर्मियों के आश्रितों के लिए 26 एमबीबीएस और 3 बीडीएस सीटें आरक्षित की गई हैं। केंद्रीय अनुग्रह राशि में वृद्धि और एकमुश्त मुआवजा देने से हमारे युवाओं के परिवारों को राहत मिली है। हमने विकलांगता अनुग्रह राशि में और वृद्धि करके भी इस दिशा में काम किया है।”
उन्होंने कहा, “हमारे पुलिसकर्मी, विशेषकर सभी सीएपीएफ कर्मी, कानून व्यवस्था की स्थिति और देश की सुरक्षा को संभालने के अलावा और भी कई काम करते हैं। आज मैं देश के लोगों को बताना चाहता हूं कि 2019 से लेकर 2024 तक हमारे सीएपीएफ के जवानों ने करीब 5 करोड़ 80 लाख 90 हज़ार पौधे लगाए हैं और उन्हें अपने बच्चों की तरह पालने और बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार के एक प्रोग्राम के माध्यम से सभी सीमावर्ती जिलों में भारत सरकार और राज्य सरकार की सभी योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है। साथियों आज वो दिन है, जब हमें अपने सभी शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और आज मैं उन शहीद पुलिस जवानों के परिवारों को विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि आपके परिजनों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। देश की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और 2047 में देश एक विकसित राष्ट्र बनेगा और उस समय भी जब आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी, तब भी एक पुण्य राष्ट्र आपके परिजनों के बलिदान को नमन करके उन्हें हमेशा याद रखेगा। आज एक बार फिर श्रद्धांजलि के माध्यम से अब तक बलिदान देने वाले सभी हजारों पुलिसकर्मियों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं।”