चार वर्षीय बच्चे की मौत के मामले में मुख्य सचिव को नोटिस
Notice to Chief Secretary in case of death of four-year-old child
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दिल्ली में चार वर्षीय एक बच्चे की मृत्यु के मामले का संज्ञान लिया है। बच्चे की मृत्यु इसी महीने 13 अक्टूबर को पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर में हुई थी। यहां नगर निगम द्वारा संचालित पार्क में एक ओपन-एयर जिम में मशीन का एक हिस्सा गिरने से बच्चे की मृत्यु हुई थी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुताबिक उसने मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव और नगर निगम के कमिश्नर को नोटिस जारी किया गया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुताबिक घटना स्थल पर उपस्थित लोगों ने पार्क में लगे उपकरण के नट-बोल्ट ढीले होने के कारण दुर्घटना होने की आशंका व्यक्त की थी। आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट यदि सत्य है, तो सार्वजनिक पार्क में स्थापित उपकरणों की देखभाल में अधिकारियों द्वारा कथित लापरवाही के कारण मानवाधिकारों के उल्लंघन का यह एक गंभीर विषय है।
आयोग का कहना है कि यह घटना दिल्ली में स्थानीय सरकारी निकायों द्वारा शासित, प्रबंधित और रखरखाव किए जाने वाले अन्य सार्वजनिक पार्कों में उपकरणों की स्थिति के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करती है।
आयोग ने एनसीटी दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त और सचिव, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) को नोटिस जारी किया है। इन सभी से चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
अधिकारियों से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने संबंधी जानकारी भी मांगी गई है। रिपोर्ट में अधिकारियों से दिल्ली में उनके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक पार्कों में लगे झूलों और जिम उपकरणों आदि के रखरखाव और सुरक्षा ऑडिट की स्थिति भी मांगी गई है।
आयोग ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से इस विषय पर अपनी टिप्पणी देने के साथ ही इस मामले में की जा रही पुलिस जांच की स्थिति भी बताने को कहा है। इससे पहले आयोग ने दिल्ली में नाले में गिरने से हो रही लोगों की मौत पर भी रिपोर्ट मांगी थी।
दिल्ली के अलीपुर इलाके में एक खुले नाले में गिरने से पांच वर्षीय एक बच्चे की मौत हो गई थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया था। यहां निर्माण कार्य के ठेकेदार ने बिना कोई चेतावनी संकेत लगाए नाली को जगह-जगह खुला छोड़ दिया था। आयोग ने पाया है कि हाल के दिनों में राष्ट्रीय राजधानी में यह ऐसी पांचवीं ऐसी घटना थी।