तीर्थ नगरी पुष्कर में चौदस पर विदेशी महिलाओं ने किया सोलह श्रृंगार
Foreign women did sixteen makeup on Chaudas in the pilgrimage city of Pushkar
पुष्कर: दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी पर तीर्थ नगरी पुष्कर में विदेशी महिलाओं ने सोलह श्रृंगार किया। छोटी दिवाली को नरक चौदस के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान में इस दिन महिलाएं खूब सजती संवरती हैं।
तीर्थ नगरी पुष्कर में चौदस को विदेशी महिलाओं ने धूमधाम से मनाया। विदेशी बालाओं ने भारतीय संस्कृति के अनुसार खुद को संवारा।
दिवाली पर्व से एक दिन पहले आने वाली चतुर्दशी को सुहागन महिलाएं अपने रूप को निखारने के जतन करती हैं।
ब्यूटीशियन से अपना मेकअप कराने आई डेनमार्क की पर्यटक टीना ने बताया, मैं 10 सालों से भारत की यात्रा पर आ रही हूं। खुशी है कि आज इस पर्व का हिस्सा बनने का अवसर मिला है।
आगे कहा कि वह दिवाली के मौके पर पहली बार भारत आई हूं और चतुर्दशी के मौके पर भारतीय परिधान पहनकर इतराती दिखीं। उन्होंने कहा कि यह अनुभव बेहद ही खास है। मैं इस पल को हमेशा याद रखूंगी।
वहीं मेकअप कराने आई एक अन्य विदेशी महिला ने बताया कि वह साल 2014 से हर साल नॉर्वे से भारत घूमने आती है। उन्होंने कहा कि मुझे भारतीय महिलाओं का परिधान बेहद आकर्षित करता है। इसी के चलते रूप चतुर्दशी पर उन्होंने भी भारत की परंपरा को धारण करने की ठानी ।
वहीं विदेशी महिलाओं का मेकअप करने वाली ब्यूटीशियन ने बताया कि वह पुष्कर में पिछले 20 साल से विदेशी महिलाओं को भारतीय संस्कृति से रूबरू करा रही हैं। भारत की संस्कृति और परिधान दुनियाभर में सबसे खास है। इसके बारे में हम यहां आने वाले सभी विदेशियों को इसकी जानकारी देते है। आज रूप चतुर्दशी के अवसर पर भी हमने विदेशी महिलाओं को त्योहार की जानकारी दी ।
बता दें कि धार्मिक ग्रंथों में कहा जाता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन अत्याचारी नरकासुर राक्षस का वध कर उसके चंगुल से हजारों रानियों को भगवान कृष्ण ने मुक्त कराया था। तब इन रानियों ने चंगुल से मुक्त होने के बाद सम्मान का अनुभव किया और जड़ी बूटियों से स्नान कर श्रृंगार किया था.