Jharkhand Election Special: The year increased, the calendar changed and the age of the candidates kept moving
रांची:। झारखंड में पांच साल के अंतराल पर हो रहे विधानसभा चुनाव में कई प्रत्याशियों ने गजब का कमाल कर दिखाया है। 2019 से 2024 के बीच कैलेंडर के भले पांच साल गुजर गए, लेकिन इस दौरान कुछ उम्मीदवारों की उम्र मात्र तीन साल बढ़ी, जबकि कुछ ऐसे हैं, जिनकी उम्र छह से लेकर नौ साल तक बढ़ गई है।झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की उम्र से जुड़े विवाद को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच आईएएनएस ने चुनाव मैदान में उतरे कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों और हलफनामों की पड़ताल की तो उनकी उम्र को लेकर हैरान करने वाले कई ‘सच’ सामने आए।संथाल परगना की बरहेट सीट से चुनाव लड़ रहे हेमंत सोरेन ने इस चुनाव में दाखिल नामांकन पत्र में अपनी उम्र 49 साल बताई है, जबकि 2019 के हलफनामे में उन्होंने अपनी उम्र 42 साल दर्ज थी। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर हेमंत सोरेन के खिलाफ गमालिएल हेंब्रम नामक जिस नेता को मैदान में उतारा है, वह 2019 के चुनाव में आजसू पार्टी के उम्मीदवार थे। उस वक्त 3 दिसंबर, 2019 को दाखिल शपथ पत्र में उन्होंने अपनी उम्र 28 साल बताई थी। इस बार 29 अक्टूबर, 2024 को नामांकन पत्र के साथ दाखिल शपथ पत्र में गमालिएल ने अपनी उम्र 34 साल दिखाई है। शपथ पत्र के हिसाब से करीब 4 साल 11 महीने के अंतराल में उनकी उम्र छह साल बढ़ गई।2019 से 2024 के चुनाव के बीच झारखंड के जिस प्रत्याशी की उम्र सबसे ज्यादा रफ्तार से बढ़ी है, उनका नाम है कमलेश कुमार सिंह। वह पलामू जिले की हुसैनाबाद विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हैं। उनके दोनों हलफनामे को सच मानें तो इन दो चुनावों के बीच उनकी उम्र 60 वर्ष से नौ साल बढ़कर सीधे 69 वर्ष हो गई है। हजारीबाग जिले की मांडू सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी हैं जयप्रकाश पटेल। उनके हलफनामे को सच मानें तो पांच साल के अंतराल में दो विधानसभा चुनावों के बीच उनकी उम्र महज तीन साल बढ़ी है। इस चुनाव में दाखिल हलफनामे में पटेल ने अपनी उम्र 40 वर्ष दर्ज की है, जबकि 2019 का चुनाव लड़ते वक्त उन्होंने खुद को 37 साल का बताया था।ऐसा ही कमाल बोकारो जिले की गोमिया सीट से चुनाव लड़ रहे आजसू पार्टी के प्रत्याशी लंबोदर महतो ने भी किया है। 2019 के चुनावी हलफनामे में उन्होंने खुद को 53 साल का बताया और अब 2024 के हलफनामे के अनुसार उनकी मौजूदा उम्र 56 साल है। मतलब, वह भी पांच साल में अपनी उम्र में महज तीन साल जोड़ पाए हैं।जामताड़ा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने इस बार हलफनामे में अपनी उम्र 50 साल बताई है, जबकि पांच साल पहले चुनाव में जब वह जामा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रत्याशी थीं तो उन्होंने खुद को 44 साल का बताया था। इस तरह उनकी उम्र भी दो चुनावों के बीच पांच के बजाय छह साल बढ़ी है।पूर्वी सिंहभूम जिले की जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी मंगल कालिंदी ने 2019 में अपनी उम्र 42 वर्ष बताई थी, जबकि 2024 के हलफनामे में उनकी उम्र 51 वर्ष बताई गई है।प्रत्याशियों की उम्र संबंधी इस तरह की विसंगतियों के बारे में पूछे जाने पर झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार कहते हैं कि निर्वाचन पदाधिकारी नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी करते हुए सामान्य तौर पर यह जांचते हैं कि शपथ पत्र में चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार सभी कॉलम और सूचनाएं दर्ज की गई हैं या नहीं। शपथ पत्र में दर्ज की जाने वाली सूचनाओं के लिए उम्मीदवार स्वयं जिम्मेदार हैं। उसमें कोई तथ्य गलत है तो यह इलेक्शन पिटीशन का मामला बनता है.