भीलवाड़ा में बागेश्वर धाम सरकार की कथा के दौरान अव्यवस्था, प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप
Bageshwar Dham Sarkar Ki Katha in Bhilwara Disorganization, serious allegations against the administration
भीलवाड़ा/जयपुर,: राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित कुमुद विहार में आयोजित हनुमंत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। इसके कारण कई लोगों को चोटें आई हैं। कथा के संरक्षक बनवारी शरण महाराज ‘काठिया बाबा’ ने आयोजन समिति और पुलिस-प्रशासन पर मनमानी का आरोप भी लगाया।आयोजन स्थल पर पहुंचे कई लोगों ने कहा कि बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने आई महिलाओं को वीआईपी पास के बावजूद एंट्री नहीं दी गई। वहीं, वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण कई बार भगदड़ की स्थिति भी बनी रही।वीआईपी पास को लेकर जारी विवाद पर हनुमान टेकरी के महंत काठिया बाबा ने कहा कि वीआईपी पास सभी को दिया गया है। लेकिन, प्रशासन स्वीकार नहीं कर रहा है। अगर फोन करता हूं तो कोई जवाब नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कर रहे हैं अच्छी बात है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर लोगों पर अत्याचार करना गलत है।उन्होंने आगे कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि कमेटी सेवा कर रही है, यह अच्छी बात है, लेकिन कमेटी को मंदिर आना चाहिए था। पूछना चाहिए था कि कितने लोगों को पास देना चाहिए या नहीं। कमेटी वालों ने भी अपनी मनमानी की है। आधा भीलवाड़ा हमारा भक्त है। लेकिन, अपने लोगों को पास दे दिया गया। मंदिर के भक्त कहां जाएंगे। पास वाला सिस्टम बंद होना चाहिए। जिन्होंने कार्यक्रम में पैसा दिया है, उनको आगे बैठाया जाए। इसके अलावा सभी बराबर हैं। जो पहले आएगा, वह आगे बैठेगा। प्रशासन को भी सुरक्षा देनी चाहिए। महंतों का ख्याल रखना चाहिए।आयोजन स्थल पर पहुंचे लोगों ने कहा कि आम लोगों की कोई सुनने वाला नहीं है। ऐसी स्थिति हो गई है कि लोग भीड़ के कारण दब रहे हैं। कई महिलाओं को चोट लगी है। वीआईपी पास में ऐसी हालत है तो आम जनता के लिए क्या स्थिति होगी, इसे आसानी से समझ सकते हैं। कई बुजुर्ग भी आयोजन स्थल पर गिर गए हैं।एक महिला चंद्रकला सुमानी ने बताया कि उनके पास वीआईपी पास थे। अगर सीटें नहीं थीं तो वीआईपी पास क्यों जारी किया गया है। यहां पर व्यवस्था काफी खराब है। पुलिस ने बिना सूचना के वीआईपी गेट को बदल दिया।कई महिलाओं ने आरोप लगाया कि अव्यवस्था के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई लोग नीचे गिरे लोगों के ऊपर से चढ़कर गुजर गए। कई लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। हालांकि, अव्यवस्था और तमाम आरोपों पर आयोजकों की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।