कवि कुबेरनाथ मिश्रा विचित्र को दी गई श्रद्धांजलि
विनय मिश्र, जिला संवाददाता।
कवि बिचित्तर ,
भाटपार भिण्डा मिश्रा में,रहे जन्मस्थान बिचित्तर।
भोजपुरी भाषा के रहनीं, कविता के पहिचान बिचित्तर ।
धोती-कुरता-आ टोपी में, भारत के परिधान बिचित्तर।
हास्य व्यंग कविता के रहनीं, चिर-परिचित मुस्कान बिचित्तर।
झोरी में लोटा आ धोती ,च्यवनप्राश जलपान बिचित्तर ।
कविता के कुण्डली खोलि के,हंसी के रहनीं शान बिचित्तर ।
शंख रहे झोला में हरदम ,पतरा भी पहिचान बिचित्तर।
दिल्ली आ मुम्बई-बनारस-असम मिलल सम्मान बिचित्तर ।
कवियन में बहुते यश पवलीं,अध्यापक के मान बिचित्तर ।
श्याम कवि के गुरु मानिके,सुफल भईल अरमान बिचित्तर।
छविराजी-जगजीतन के सुत, पांच में चउथा स्थान बिचित्तर।
धरम-करम बढ़िया सब रहे, बहुत रहे गुण-गान बिचित्तर ।
ईश्वर में मिलि अमर हो गईनीं, ऊंच मिलल स्थान बिचित्तर।
राम मनोहर ‘माहिर’ के बप्पा , पूर्वांचल कवि शान बिचित्तर।
राम मनोहर “माहिर विचित्र”।