Azamgarh news:हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है उर्स मेला

रिपोर्ट: हाजी रज्जाक अंसारी

अतरौलिया/आज़मगढ़।हिंदू- मुस्लिम एकता का प्रतीक बूढ़नपुर तहसील के पहाड़ी सरैया स्थित दो सूफी संतों की मजार पर लगने वाले तीन दिवसीय उर्स में बुध्वार 13 सितंबर को जायरीनों की भीड़ उमड़ पड़ी। जायरीनों ने मजार पर चादर चढ़ाकर मन्नतें मांगी। सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरान खानी व चादर पोशी की गई। मजार पर आम लोगों ने के अलावा विभिन्न दलों के नेताओं और संभ्रांत लोगों ने भी चादर पोशी करने के लिए पहुंचे। भूत, प्रेत, टोना, टोटका से पीड़ित लोगों ने भी मजार पर माथा टेका। लोगों का ऐसा मानना है कि इन दोनों मजारों पर मांगी गई मुराद पूरी होती है। उर्स में आए हुए दूरदराज के आलिमों ने अपने बयान में दोनों सूफी संतों के जीवन तथा उनके करामात के बारे में बताया मौलाना सेराज अहमद ने कहा कि दोनों सूफी संत हजरात ने हक और बातिल के दरम्यान फर्क करने वाली निशानी खींच दिया।और इबादत करने वाले एवं अल्लाह ताला से सच्ची मोहब्बत करने वाले और अल्लाह को पहचानने वाले थे। मौलाना अब्दुल मोबीन मिस्बाही ने कहा कि यहां मजार में आराम फरमा रहे दोनों बुजुर्गों ने अल्लाह व रसूल के साथ वफादारी की इसलिए अल्लाह ने कौम को इनका वफादार बना दिया। मजार के सज्जादा नशीन हज़रत मौलाना सैयद हामिद हसन जीलानी और सैयद अशरफ जीलानी ने उर्स में आए हुए सभी जायरीनों का शुक्रिया अदा किया। और उनके हक में अल्लाह से उनके मगफिरत वह उनके मुरादों के पूरे होने की दुआ मांगी।और मुल्क में अमन चैन के लिए दुआ मांगी। भीड़ को देखते हुए थानाध्यक्ष अतरौलिया विजय प्रताप सिंह अपने हमराही सिपाहियों के साथ भीड़ में घूमते नजर आए ।तथा असमाजिक तत्वों पर नजर गड़ाए रहे। कुल मिलाकर उर्स शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। सज्जादा नशीन सय्यद हामिद हसन जिलानी मदरसे के प्रिंसिपल मौलाना मोबीन अहमद ने बताया कि रात को बाद नमाज ईशा मदरसा दारुल उलूम गौसिया हजूरिया खानकाह सरैया से पास उत्तीर्ण हुए आलिम, हाफिज,व कारी में फारिग बच्चों की दस्तारबंदी होगी। जिसमें ओलमाओं के हाथों से पास उत्तीर्ण बच्चों के सरों पर पगड़ी बांधकर तथा उन्हें सनद देकर नवाजा जाएगा। और उन्हें दीन के खिदमत करने की नसीहत देते हुए अपने वतन के लिए रवाना किया जायेगा। दूरदराज से आने वाले जायरीन मदरसा व मदरसे के आसपास खेमा डालकर पड़े रहे। तथा अपने मन्नतों के पूरे होने की आशा लिए दोनों सूफी संतों के मजार पर दुआ करते रहे हैं। इस प्रकार मदरसा कमेटी व उर्स कमेटी के मेंबरों की देखरेख में शांति पूर्ण माहौल में उर्स सम्पन्न हुआ।इस मौके पर नाजिमे आला सैयद अहमद हसन एडवोकेट, सैयद , अय्यूब कुरैशी, सैयद मुकीत अहमद जाम मियां, अब्दुल कय्यूम कुरैशी, हाफिज गुफरान कुरैशी,अब्दुल माबूद,सैयद हसन आदि ने उर्स में चढ़ बढ़ कर हिस्सा लिया।उर्स में आसाम, बिहार, गोहाटी, कलकत्ता , नैपाल, इलाहाबाद, वाराणसी, उत्तरांचल, अम्बेडकर नगर, जौनपुर सहित मुल्क के कोने कोने से हजारों की संख्या में जायरीनों की हाजिरी रही।

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