स्व,इंद्रा गांधी सरकारी अस्पताल की हालात में सुधार एक वर्ष में २ लाख २५ हजार से जादा लोंगों नें कराया इलाज

Improvement in the condition of late Indira Gandhi Government Hospital, more than 2 lakh 25 thousand people got treatment in one year

हिद एकता टाइम्स भिवंडी

रवि तिवारी
भिवंडी – भिवंडी के स्व.इंदिरा गांधी स्मृति उप-जिला सरकारी अस्पताल की हालात में लगातार सुधार आने के कारण लोगों में होने वाली स्वास्थ संबधी समस्याओं से राहत मिलती नजर आ रही हैं। भिवंडी शहर और ग्रामीण इलाकों के लग – भग २० लाख से जादा आवादी वाले क्षेत्र को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाला एक मात्र अस्पताल है। इस वर्ष इस अस्पताल में कुल २ लाख २५ हजार से जादा लोंगों ने ईलाज कराया है। जो पिछले वर्ष की तुलना में जादा है। भिवंडी का स्व,इंद्रा गांधी अस्पताल पहले पुर्ण रूप से स्वास्थ सेवा नहीं दे पारही थी। साहित्य की कमी डॉ, की कमी दवाईयों का अभाव होने के करण हालत खराब थी। परन्तु पिछले वर्षों में अस््पताल मे बेहद सुधार हुआ है। पहले इस
अस्पताल को भिवंडी नगर पालिका के अधीन था। और आर्थिक बोझ उठाने में असमर्थ होने के कारण २००७ में इसे सरकार को सौंप दिया गया। हालांकि, लंबे समय तक यहां मरीजों को केवल प्राथमिक उपचार देकर ठाणे या मुंबई के बड़े अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता था। लेकिन अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रयास, सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता और अस्पताल की अधीक्षिका डॉ. माधवी पंदारे के नेतृत्व में अस्पताल की स्थिति तेजी से सुधर रही है।
आईजीएम अस्पताल में वर्ष २०२४ के दौरान २,३९ हजार , ४१२ मरीजों ने बाह्यरुग्ण विभाग (ओपीडी) में अपना इलाज करवाया, जो पिछले वर्ष की तुलना में ५२,२१६ अधिक है। इसके अलावा, अस्पताल में १३,६३२ मरीज भर्ती किए गए, जिनमें से केवल १,९४९ मरीजों को आगे के इलाज के लिए ठाणे और मुंबई भेजा गया। १०० बिस्तरों वाले इस अस्पताल में डॉ. माधवी पंदारे के अधीक्षक पद पर नियुक्त होने के बाद व्यापक सुधार हुए हैं। कार्यालयी और चिकित्सीय सेवा में महिलाओं की संख्या बढ़ने से अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगी हैं। मरीजों को संतोषजनक उपचार देने के लिए अस्पताल प्रशासन लगातार प्रयासरत है।उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएं रक्त जांच- १,२३,३८३ मरीजों की जांच‌ ईसीजी ४,२५१ मरीजों को सुविधा दी गई। डायलिसिस- ९१०मरीजों का इलाज हुआ।सोनोग्राफी, २,०३० महिलाओं की जांच।सिटी स्कैन २,६८८,मरीजों को सुविधा दी गई। भिवंडी शहर और ग्रामीण इलाकों की गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए ठाणे या मुंबई जाने को मजबूर थीं, लेकिन अब आईजीएम अस्पताल में प्रसूति सेवाओं में भी सुधार हुआ है। वर्षभर में३,४२४ महिलाओं की सफल डिलीवरी कराई गई, जिनमें से ४१८ मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ी। भिवंडी में कुत्तों के काटने (श्वान दंश) के मामले अधिक हैं। इस अस्पताल में वर्षभर में ११,२११ नागरिकों का श्वान दंश का इलाज किया गया, वहीं ३६३ लोगों को सर्पदंश (सांप के काटने) और १२८ नागरिकों को विंचू दंश (बिच्छू के काटने) से राहत मिली।
भिवंडी की कपड़ा नगरी और आसपास के ग्रामीण इलाकों में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, जिससे तालुका की जनसंख्या ३० लाख के करीब पहुंच गई है। इस बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बना रही है। हालांकि, अभी भी डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को कभी-कभी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अस्पताल की लगातार सुधारती सेवाओं से नागरिक संतुष्ट नजर आ रहे हैं।इस सकारात्मक बदलाव के कारण कहा जा सकता है कि आईजीएम अस्पताल की स्थिति अब सुधर रही है, जो निश्चित रूप से एक संतोषजनक और उम्मीद जगाने वाला संकेत है।

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