माध्यमिक शिक्षण विभाग व्दारा वर्गीकरण आदेश पर भिवंडी के विधायकों की कड़ी आपत्ति
Bhiwandi MLAs strongly object to the classification order by the Secondary Education Department
हिंद एकता टाइम्स भिवंडी
रवि तिवारी
भिवंडी – भिवंडी निजामपुर शहर महानगरपालिका व्दारा प्राथमिक शिक्षण विभाग में हाल ही में किए गए वर्गीकरण (विभागीय पुनर्गठन) के आदेश को लेकर भारी विरोध हो रहा है। इस फैसले के खिलाफ स्थानीय शिक्षकों के साथ-साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी कड़ी नाराजगी जताई है। विधायक महेश प्रभाकर चौगुले और विधायक रईस कासम शेख ने इस आदेश को शासनादेश के विरुद्ध बताते हुए इसे तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की है।इसके अलावा, पूर्व नगरसेवक अंसारी शकील पापा ने भी इस निर्णय का विरोध करते हुए आयुक्त को पत्र भेजा है और आदेश को रोकने की मांग की है।भिवंडी पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक महेश प्रभाकर चौगुले ने कहा कि २०१४ में शासन ने शिक्षण मंडल को भंग करने का आदेश दिया था और यह स्पष्ट किया था कि जब तक नई व्यवस्था तैयार नहीं होती, तब तक पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही कामकाज चलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मनपा के पूर्व आयुक्त अजय वैद्य ने अपने स्तर पर नई व्यवस्था लागू कर शासनादेश का उल्लंघन किया है। वही पर भिवंडी पूर्व विधानसभा क्षेत्र के सपा विधायक रईस कासम शेख ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इस बदलाव से शिक्षकों के काम में अनावश्यक अड़चनें पैदा होंगी और शिक्षण विभाग का कामकाज और अधिक जटिल हो जाएगा। यही नहीं पूर्व नगरसेवक अंसारी शकील पापा ने भी इस निर्णय का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने आयुक्त को पत्र भेजकर मांग की है कि जब तक शासन की स्वीकृति प्राप्त नहीं होती, तब तक वर्गीकरण प्रक्रिया को स्थगित किया जाए। उन्होंने कहा कि मनपा को शासन से मार्गदर्शन लेने के बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए। इसके अलावा, आरटीई (RTE) (शिक्षा का अधिकार) अधिनियम के तहत मनपा की जिम्मेदारी को लेकर भी सवाल उठाए गए है। विधायक चौगुले और विधायक शेख ने मनपा आयुक्त को पत्र भेजकर मांग की है कि धारा ९ के तहत स्थानिक स्वराज्य संस्था की जिम्मेदारी तय की जाए। जिसमें मुख्य रूप से बंद पड़े स्कूलों की तत्काल मरम्मत कराई जाए। सभी विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी विद्यार्थी शिक्षक के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे। शिक्षकों पर प्रशासनिक कार्यों का बोझ कम किया जाए ताकि वे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।विधायकों और पुर्व नगरसेवक के हस्तक्षेप के बाद शिक्षकों और पालकों में उम्मीद जगी है कि शासन इस मामले में दखल देगा और वर्गीकरण आदेश को रद्द किया जाएगा।स्थानीय शिक्षकों और अभिभावकों ने मांग की है कि भिवंडी मनपा के नए आयुक्त अनमोल सागर (भा.प्र.से.) इस आदेश को रद्द करें ताकि शिक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो और शिक्षकों को अनावश्यक मानसिक तनाव से बचाया जा सके।