रमजान के पहले जुमा पर हर मस्जिदें नमाजियों से भरीं
सभी मस्जिदों के इमाम ने नमाज से पहले की रमजान के फजीलत पर बयान
रिपोर्ट अशरफ संजरी
भदोही। रमजान महीने का इस शुक्रवार को पहला जुमा रहा। ऐसे में नगर की सभी मस्जिदें नमाजियों से पूरी तरह भरी रही। जहां पर मस्जिदों के इमाम ने लोगों को रमजान की फजीलत के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।
चूंकि यह जुमा रमजान का पहला जुमा रहा। ऐसे में मस्जिदों में जगह को पाने के लिए लोग नमाज के समय से काफी पहले ही मस्जिदों में पहुंचकर अपने लिए जगह बना लिए थे। सभी मस्जिदों में नमाजियों की काफी भीड़-भाड़ रहीं। लगभग सभी मस्जिदों में इमाम ने नमाजियों को रमजान की फजीलत बयान करते हुए कहा कि सिर्फ भूखे-प्यासे रहना ही रोजा नहीं होता है बल्कि रोजा का मतलब हर बुराइयों से दूर रहकर अल्लाह की नजदीकी हासिल करना है। यह नजदीकी हमें तभी हासिल हो सकती है। जब हम अपनी नब्ज यानी कि इंद्रियों पर काबू रखते हुए रोज पांच वक्त की नमाज अदा करते रहे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोग रमजान में नमाज के पाबंद हो जाते हैं। ठीक उसी तरह से हमेशा रहना चाहिए। अगर हम सभी रोजा, नमाज के पाबंद हो जाएं तो दिल से बुराईयों की मैल अपने आप साफ हो जाएगी। इसके साथ ही हमें अल्लाह की नजदीकी हासिल होती चली जाएगी। जुमा की नमाज में नौजवान, बूढ़े और बच्चे लगभग सभी की तादाद ज्यादा रही। इसके साथ ही सभी ने खूतबा सुना और नमाज अदा की। नमाज अदा कर बारगाहे इलाही में सभी अपने हाथों को फैलाकर देश में अमन-चैन कायम रखने के लिए दुआएं मांगी।