आजमगढ़:जमीदार घराने के जाली दस्तावेज बनाकर कब्रिस्तान पर किया अवैध कब्जा,जली दस्तावेज की जांच कराए जाने की मांग
रिपोर्ट:शाहनवाज
आजमगढ। गाजी दलेल खां के नाम से मशहूर कब्रिस्तान की जमीन को जाली दस्तावेज के द्वारा जुम्मन साई नामक व्यक्ति द्वारा कब्जा किए जाने का आरोप लगाया गया है। मुस्लिम रिलिफ कमेटी के सेक्रेटरी अनीस अहमद ने पत्र प्रतिनिधियों से शनिवार को वार्ता करते हुए बताया।उन्होंने बताया कि गाजी दलेल खां कब्रिस्तान जिसका एक मुकदमा हाजी फरीद बनाम ग्राम सभा के फैसले के मुताबिकयह कब्रिस्तान सरकारी दस्तावेज में दर्ज है।जिसका खसरा नंबर 262,6रकबा 300कड़ी तथा खसरा नंबर 236 रकबा 950 कड़ी है। जिसमें खसरा नंबर 236 रकबा 950 कड़ी के कुछ हिस्से पर जुम्मन साई ने कुछ लोगों से पैसा लेकर अवैध कब्जा करा दिया है। इस जाली कागजात को जायज ठहराने के लिए दो जाली दस्तावेज तैयार करवाए, जिसके मुताबिक खसरा नंबर 236 रकबा 950 कड़ी जमीदार मोहम्मद साहब ने 23 सितबर 1920 को जुम्मन साई के पुरखों को तोहफा में दिया और गवाह के तौर पर दसरंे जमीदार ताहिर का नाम दर्ज है। जब कि हकीकत यह है कि जमीदार मोहम्मद इब्ने मोहम्मद पुत्र शेख मोहम्मद अंसारी शिब्ली नेशनल हाई स्कूल में 1936 तक शिक्षा ग्रहण किए।स्कूल मार्कसीट के अनुसार उनकी पैदाइश 05-06-1921है और दूसरे गवाह मोहम्मद ताहिर की पैदाइश 1923 है, उनके हस्ताक्षर में भी काफी फर्क है। यह सभी जानकारी जमीदार के करीबी रिश्तेदारों द्वारा दी गई। यह साबित करता है कि जिले के जाने-माने जमीदार घरानों के जाली दस्तावेज बनवाकर जुम्मन साई ने कब्रिस्तान की जमीन को हड़पने का काम किया गया है।