समाज में भाईचारे और शिक्षा की जरूरत, नफरत की नहीं : ओपी राजभर

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गाजीपुर, 21 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार को अपने विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जाकर लोगों से मुलाकात की। उन्होंने स्थानीय मुद्दों और मीडिया के सवालों पर बेबाकी से अपनी बात रखी।

ओमप्रकाश राजभर ने बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी द्वारा की गई उस विवादित टिप्पणी पर तीखा जवाब दिया, जिसमें उन्होंने ‘छावा’ फिल्म को लेकर कहा था कि मूवी को देखकर नौजवान आक्रोशित हो रहे हैं, जिसके कारण नागपुर में दंगा हुआ।

मंत्री ने कहा, “आप कांग्रेस, सपा और बसपा को अपना रहनुमा मानते हैं, जबकि बाबा साहेब के विचारों को नहीं मानते। बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान में राजनीतिक शक्ति दी है। अगर मौलाना साहब को हिम्मत है, तो वह इन पार्टियों से कहें कि इस बार मुसलमान को मुख्यमंत्री बना दें।”

उन्होंने कहा कि मौलाना जैसे लोग समाज में नफरत फैलाते हैं और अब उनकी बयानबाजी बंद होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि समाज में शिक्षा, रोजगार और भाईचारे की बातें होनी चाहिए, न कि घृणा फैलाने वाली बयानबाजी।

उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह के निलंबन को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा उठाए गए सवालों पर राजभर ने तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव बड़े नेता हैं, लेकिन उनके ही शासनकाल में गोमती रिवर फ्रंट घोटाला हुआ है। खनन घोटाले में गायत्री प्रजापति जेल में हैं और अखिलेश यादव का नाम एफआईआर में आया है, वह केवल जुगाड़ से बचे हुए हैं। राजभर ने कहा कि सपा प्रमुख को राज्य के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि दूसरों के मामलों पर सवाल उठाना चाहिए।

मसूद सालार गाजी के मेले से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में राजभर ने कहा कि यह प्रशासन का काम है और प्रशासन को इसे सही तरीके से समझना चाहिए।

कांग्रेस नेताओं द्वारा औरंगजेब की महर्षि परशुराम से तुलना करने पर ओ.पी. राजभर ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को यह समझ नहीं है कि उन्होंने लंबे समय तक शासन किया, लेकिन अगर वह देश में समान और अनिवार्य मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करते, तो आज बच्चों की सोच और शिक्षा दोनों बेहतर होती। कांग्रेस ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी नुकसान किया और देश में बेरोजगारी की समस्या को बढ़ाया है।

महिलाओं के गुस्से को लेकर मंत्री राजभर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने शिक्षा और कानून के मामलों में गंभीर लापरवाही की है, जिसका परिणाम यह है कि आज महिलाओं और समाज के अन्य वर्ग में गुस्सा है। समाज में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और भाईचारा होनी चाहिए। मौलाना जैसे लोग समाज में नफरत फैला रहे हैं और समाज को एकजुट करने की जरूरत है।

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

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इनपुट. आईएएनएस के साथ

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