Azamgarh :पारनकुंडा की गौशाला में पशु क्रूरता का शर्मनाक चेहरा उजागर, प्रशासन की संवेदनहीनता पर उठे सवाल

पारनकुंडा की गौशाला में पशु क्रूरता का शर्मनाक चेहरा उजागर, प्रशासन की संवेदनहीनता पर उठे सवाल

आजमगढ़ ब्यूरो चीफ राकेश श्रीवास्तव

जनपद के अजमतगढ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पारनकुंडा स्थित अस्थायी गौशाला में पशु कल्याण के नाम पर क्रूरता की शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। मौके पर एक मृत गोवंश पड़ा मिला, जिसकी आंखें पक्षियों द्वारा नोंच ली गई थीं। यह दृश्य न केवल हृदय विदारक था, बल्कि सरकार के गोसेवा और पशु संरक्षण के दावों की भी पोल खोलता है। स्थानीय ग्रामीणों और रिपोर्टिंग टीम के अनुसार, गौशाला में दर्जनों गोवंश तड़पते देखे गए। चारा, पानी और देखभाल के घोर अभाव में इन बेजुबानों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। मृत गोवंशों को उचित ढंग से न दफनाया गया और न ही उनका सम्मानजनक निस्तारण किया गया। गौशाला परिसर के आसपास खुदे गड्ढों में शवों को अधूरा दफनाया गया है, जिससे भीषण दुर्गंध फैल रही है और पूरे क्षेत्र का वातावरण दूषित हो रहा है।

प्रशासनिक लापरवाही उजागर, कार्यवाही के बजाय लीपापोती करने में जुटे खण्ड विकास अधिकारी

स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी इस अमानवीयता में कठघरे में है। जब घटना की जानकारी खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) को दी गई तो उन्होंने गौशाला की स्थिति को संतोषजनक बताया। वहीं, ग्राम सचिव का कहना था कि उन्होंने 10 मिनट पहले ही गौशाला से जानकारी ली है और सभी पशु स्वस्थ हैं। लेकिन मौके की सच्चाई इससे बिल्कुल विपरीत है—मृत पशुओं की आंखें पक्षियों ने नोंच ली हैं और अधदफन शवों को कुत्ते खा रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई बार प्रशासन से शिकायत की गई, लेकिन न तो किसी अधिकारी ने दौरा किया, न ही कोई ठोस कार्रवाई हुई। उनका कहना है कि जब तक किसी जिम्मेदार पर कठोर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक ऐसी घटनाएं लगातार होती रहेंगी। अब यह देखना बाकी है कि क्या शासन-प्रशासन इस अमानवीय उपेक्षा पर कोई संज्ञान लेगा या यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह कागजों में दबकर रह जाएगा?

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