आजमगढ़:किसानों,उपभोक्ताओं के साथ बिजली कर्मियों के विशाल बिजली पंचायत का आयोजन हुआ संपन्न
Azamgarh :A huge electricity panchayat of electricity workers along with farmers and consumers was organised.
आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय
आजमगढ़ जनपद के विद्युत उपखंड गुलवागौरी बिलरियागंज के परिसर में आज दिनांक 15.07.2025 को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उ०प्र०, राज्य विद्युत परिषक जूनियर इंजीनियर्स संगठन उ० प्र० एवं विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर गुलवा गौरी विद्युत उपकेन्द्र पर विद्युत पंचायत का आयोजन किया गया। सर्वविदित है कि वर्तमान में पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का पी०पी०पी मॉडल पर निजीकरण करने का निर्णय पावर कारपोरेशन प्रबन्धन/सरकार द्वारा लिया गया है. जिसके विरोध में आजमगढ़ जनपद के समस्त विद्युत कर्मचारी के आंदोलनरत है एवं जनपद के विद्युत विभिन्न उपकेंद्रों पर विद्युत पंचायतों का आयोजन कर समस्त उपभोक्ताओं / किसानों/ छात्रों को जानकारी दी जा रही है कि बिजली निगमों के निजीकरण के क्या दुष्परिणाम होगे। पंचायत को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि देश की आजादी के बाद हमारे देश के नीति- नियंताओं ने यह सुनिश्चित किया कि भारत देश की सम्पूर्ण जनता को एक समान आधारभूत सुविधाएँ प्राप्त हों, जिसके लिये विभिन्न संस्थाओं का राष्ट्रीयकरण किया गया। इस देश में विभिग्न संस्थानों के प्रतिस्थापन के लिये किसानों ने अपनी भूमि स्वेच्छा से दान कर दी साथ ही साथ लोगों ने श्रमदान कर अपनी मेहनत के बल पर संस्थानों को बढ़ाया एवं देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लेकिन वर्तमान में सरकारें इन संस्थानों /विभागों को चलाने में अपनी असमर्थता जता कर इन संस्थानों / लोक सम्पत्तियों को पूँजीपतियों के हाथों में निलाम कर निजीकरण करने/बेचने का कार्य किया जा रहा है। प्राथमिक स्कूलों को मर्जर के नाम पर बन्द करने, नलकूप विभाग के विभिन्न पदों को समाप्त करने व रोडवेज सहित अन्य कई विभागों में नये पदों का सृजन न कर छंटनी करने/बेरोजगारी बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। अगर बिजली निजी हाथों में बिक जायेगी/ निजीकरण हो जायेगा तो इसके कई दुष्परिणाम (दीर्घकालिक) होंगे जैसे निजीकरण होते ही बिजली की दरों में अत्यधिक/अप्रत्याशित वृद्धि होगी, महँगी बिजली का प्रयोग करना आमजन के लिये कठिन हो जायेगा। अध्ययनरत छात्रों के लिये रोजगार के अवसर समाप्त होंगे, बेरोजगारी बढ़ेगी। किसानों/बुनकरों को सब्सिडीयुक्त मिलने वाली सस्ती बिजली नहीं मिलेगी, जिससे खाद्यान्न उत्पादकता पूर्णतया प्रभावित होगी। घरेलू, वाणिज्यिक व औद्योगिक क्षेत्रों में लागत बढ़ने से महँगाई प्रत्यक्ष रूप से बढ़ेगी लोग महँगाई का दंश झेलेने व ढिबरी/ लालटेन युग में जीने का मजबूर होगें। इसलिये सभा में उपास्थित समस्त कर्मचारियों/ छात्रों/ उपभोक्ताओं/ सम्मानित किसानों व जनप्रतिनिधियों ने कंधे से कंधा मिलाकर निजीकरण के विरुद्ध लड़ने के लिये अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की। आज की सभा की अध्यक्षता ई. राजू कुमार एवं संचालन प्रभुनारायण पाण्डेय प्रेमी” ने किया। इस दौरान किसान नेता श्री राजीव यादव, जनप्रतिनिधि अनवार अहमद, शिक्षक नेता श्री हरेन्द्र यादव ,महेन्द्र निषाद ,दयाराम साहनी व महेन्द्र यादव उपास्थित रहे। बैठक में ई. शत्रुघ्न यादव, चन्द्र शेखर, उपेन्द्र नाथ चौरसिया, वेदप्रकाश यादव, जय प्रकाश यादव, धीरज पटेल, अखिल कुमार पाण्डेय, अशेष सिंह, तुषार श्रीवास्तव, संदीप चन्द्रा, रामउजागिर पाल आदि उपास्थित रहे।