Azamgarh :ड्रीम्सीडर विधि से धान की बुवाई करने से किसानों का होगा फायदा
ड्रीम्सीडर विधि से धान की बुवाई करने से किसानों का होगा फायदा
आजमगढ़ ब्यूरो चीफ राकेश श्रीवास्तव
जिला कृषि रक्षा अधिकारी श्री हिमांचल सोनकर ने जनपद के प्रिय किसान भाईयों को सूचित किया है कि वर्तमान समय में खरीफ फसलों यथा धान, मक्का, मूंगफली, अरहर, व उर्द मूंग की खेती की जा रही है।
उन्होने बताया है कि धान की रोपाई हेतु समय पर श्रमिकों की समुचित उपलब्धता एक बड़ी समस्या बनती जा रही है, इसके साथ ही उँचे दर पर श्रमिक मिलनें पर धान की खेती की लागत बढ़ जाती है। उक्त समस्या के समाधान हेतु ड्रमसीडर मशीन द्वारा अंकुरित धान की सीधी बुआई करने पर जल और श्रमिक पर होने वाले व्यय में कमी होती है, साथ ही थान की बुआई कतार में होने के कारण खरपतवार नियन्त्रण में आसानी होती है।
धान में खरपतवारों का नियन्त्रण श्रमिकों द्वारा करने पर अधिक व्यय की सम्भावना के दृष्टिगत फसलों में खरपतवार नियन्त्रण हेतु रसायनिक विधि का प्रयोग किया जाना तुलनात्मक दृष्टि से कम खर्चीला होने के कारण ग्राहृय है। अतएव रोपाई के बाद 72 घण्टे के अन्दर पानी में व्यूटाक्लोर 50 प्रतिशत ई०सी० 3.4 लीटर मात्रा, एनिलोफॉस 30 प्रतिशत ई०सी० 1.50 लीटर मात्रा, प्रेटिलाक्लोर 50 प्रतिशत ई०सी० 1.6 लीटर मात्रा, पाइराइजोसल्फ्यूरान इथाइल 10 प्रतिशत डब्लू०पी० 0.15 किग्रा मात्रा एवं बिसपायरीबैंक सोडियम 10 प्रतिशत एस०सी० 0.20 लीटर रोपाई के 15-20 दिन बाद प्रति हेक्टेयर की दर से नमी की स्थिति में लगभग 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़कांव करना चाहिए।
उन्होने बताया कि मक्का/ज्चार/बाजरा में खरपतवार नियन्त्रण हेतु एट्राजिन 50 प्रतिशत डब्लू०पी० 2 किग्रा/हेक्टेयर अथवा ड्यूरान 80 प्रतिशत डब्लू०पी० 1.5-2.00 किग्रा मात्रा की दर से 500-700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए। मूंगफली की बुआई के दो दिनों के अन्दर ऑक्सीफ्लोरोफेन 23.5 प्रतिशत ई०सी० की 600 मिली० मात्रा प्रति हेक्टेयर दर से 500 से 600 लीटर पानी का घोल बनाकर कर छिड़कांव करने से सभी खरपतवार का अंकुरण नहीं होता है। इमेजाथापर 10 प्रतिशत एस०एल० की 1000 मिली मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़कांव करने से घास कुल एवं चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों का प्रभावी नियन्त्रण किया जा सकता है। उर्द एवं मूंग में चौड़ी एवं सकरी पत्ती वाले खरपतवार के नियन्त्रण हेतु बुवाई के 10 दिनों बाद इमेजाथापर 10 प्रतिशत ई०सी० की 750-1000 मिली मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर बनाकर छिड़कांव करना चाहिए। गन्ने में खरपतवार बुवाई से लेकर मानसून शुरु होने तक अधिक संख्या में वृद्धि करते है। चौड़ी पत्ती वाले घासवर्गीय एवं मोथावर्गीय खरपतवारों के नियन्त्रण के लिये एट्राजीन 50 प्रतिशत डब्लू० पी० 1-4 किग्रा या मेट्रीब्यूजीन 70 प्रतिशत डब्लू०जी० की 2-3 किया/हेक्टेयर मात्रा 500 से 700 लीटर पानी के साथ घोलकर बनाकर छिड़कांव करना चाहिए।
प्रिय किसान भाई वर्तमान समय में बोई गई फसलों में एवं आगामी सीजन में बोई जाने वाली फसलों में कीट/रोग एवं खरपतवार की समस्या के निदान हेतु कृषि विभाग में पंजीकरण नम्बर अथवा अपना नाम, ग्राम का नाम, विकास खण्ड एवं जनपद का नाम लिखतें हुये की समस्या के निदान एवं सुझाव हेतु सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली मोबाईल नम्बर-9452247111 एवं 9452257111 पर एसएमएस/व्हाट्सअप समस्या का समाधान 48 घण्डे में अपने मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से प्राप्त कर सकेगें।
उपरोक्त विषय में प्रिय किसान भाई विशेष जानकारी हेतु कृषि विभाग/कृषि रक्षा अनुभाग के विकास खण्ड स्तर पर तैनात क्षेत्रीय कार्मिकों से व्यक्तिगत सम्पर्क करके अथवा जनपद स्तर इस कार्यालय में तैनात श्री मनीष कुमार दुबे, प्रभारी कृषि रक्षा केन्द्र आजमगढ़ के मोबाईल नम्बर-9415394321 पर अथवा श्री हरिनाथ शर्मा, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-ए के मोबाईल नम्बर-6388226627 या जिला कृषि रक्षा अधिकारी के मोबाईल नम्बर-80290100968 पर सम्पर्क करके प्राप्त किया जा सकता है।