UP में मानसून का कहर:17 की मौत,18 जिले बाढ़ की चपेट में
Torrential rain and floods wreak havoc in Uttar Pradesh, 17 dead so far, 18 districts affected by floods
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून एक बार फिर पूरी तरह से सक्रिय हो गया है, जिससे प्रदेश के अधिकांश जिलों में मूसलधार बारिश हो रही है। बीते दो दिनों से लगातार बारिश के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार बारिश और बाढ़ से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 18 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।सबसे ज्यादा मौतें कौशांबी (3), मीरजापुर और सुल्तानपुर (2-2) में हुई हैं। इसके अलावा गाजीपुर, बदायूं, बिजनौर, बलरामपुर, महोबा, फतेहपुर, प्रतापगढ़, अमरोहा, मऊ और पीलीभीत में एक-एक मौत दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में प्रदेश के 16 जिलों में ‘अत्यधिक भारी बारिश’ और 31 जिलों में ‘भारी बारिश’ का येलो अलर्ट जारी किया है।
कौशांबी और सुल्तानपुर में बारिश से हादसे, कई मकान ढहे, पेड़ गिरे
रविवार सुबह कौशांबी के बहादुरपुर गांव में भारी बारिश से एक कच्चा मकान ढह गया, जिससे मां-बेटी की मौत हो गई। वहीं चायल के मुजाहिदपुर गांव में भी एक वृद्धा की जान चली गई। सुल्तानपुर में पेड़ और बिजली का खंभा गिरने से दो अलग-अलग हादसों में दो लोगों की मौत हुई।
पूर्वांचल: नदियों का रौद्र रूप, एक लाख से अधिक आबादी संकट में
वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में नदियों ने भयावह रूप ले लिया है। गंगा, घाघरा, वरुणा और असि नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर पहुंच गया है।बाढ़ की वजह से कई घाट जलमग्न हो चुके हैं। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह करने में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रामनगर किला परिसर में भी पानी घुस गया है। मिर्जापुर में सेल्फी लेते समय दो किशोर पानी में बह गए जबकि सोनभद्र में बाइक सवार तीन लोग नाले में गिर गए, जिनमें दो की तलाश जारी है।
बुंदेलखंड में यमुना, केन और बेतवा का कहर
बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, उरई, और फतेहपुर जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। चित्रकूट के रामघाट में मंदाकिनी नदी का पानी एक मीटर ऊपर पहुंच गया है। राजापुर-बांदा मुख्य मार्ग दो दिन से बंद है और 20 से अधिक गांव बाढ़ से पूरी तरह घिर चुके हैं।
अवध क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट में, नेपाल से छोड़े गए पानी ने बढ़ाया खतरा
बलरामपुर, गोंडा, सीतापुर, अयोध्या, बाराबंकी, रायबरेली और आसपास के जिलों में सरयू, घाघरा और शारदा नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नेपाल द्वारा सरयू नदी में पौने तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से तराई के कई गांवों में बाढ़ की आशंका है।
बाराबंकी में सरयू नदी खतरे के निशान से 10 सेमी ऊपर बह रही है। अयोध्या में 12 घंटे में 45 मिमी बारिश हुई जिससे शहर के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।
प्रयागराज में तेजी से बढ़ रहा गंगा और यमुना का जलस्तर
प्रयागराज में फाफामऊ, छतनाग और नैनी इलाकों में गंगा-यमुना के जलस्तर में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी गई है। रविवार को गंगा का जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे और यमुना का 2.5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था।
पश्चिमी यूपी: सहारनपुर, बुलंदशहर और मुजफ्फरनगर में तेज बारिश
सहारनपुर में पहाड़ों से आए तेज़ बहाव ने शाकंभरी देवी मंदिर क्षेत्र में अफरातफरी मचा दी। श्रद्धालुओं को ऊंचे स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। बुलंदशहर और मुजफ्फरनगर में भी तेज बारिश के चलते कई सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
इतनी हुई बारिश, कहां हुआ सबसे ज्यादा असर
रविवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक:
सिद्धार्थनगर: 96 मिमी
फुर्सतगंज-अमेठी: 70.1 मिमी
बरेली: 66.6 मिमी
कौशांबी: 65.5 मिमी
लखनऊ (मलिहाबाद): 61.5 मिमी
अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी वाले जिले
सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, मथुरा, हाथरस, आगरा, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं और आसपास के इलाके।
भारी बारिश की संभावना वाले जिले
संतकबीरनगर, बस्ती, महाराजगंज, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, अयोध्या, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, जालौन और आसपास के क्षेत्र।सावधानी जरूरी: प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में राहत एवं बचाव दल तैनात कर दिए हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे नदियों के किनारे और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।