बाली को रक्षा सूत्र बंद मां लक्ष्मी ने लाया था पति को वापस तब से मनाते हैं रक्षाबंधन
By tying a protective thread on Bali, Goddess Lakshmi brought her husband back and since then the festival of Raksha Bandhan is celebrated - Acharya Ajay Shukla
देवरिया।
9 अगस्त को पूरे दिन है रक्षाबंधन मनाने का शुभमुहूर्त
सलेमपुर, देवरिया। भारतीय धर्म व संस्कृति के अनुसार रक्षाबंधन पर्व श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, इस वर्ष यह त्योहार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। उक्त बातें बताते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ हो कर 9 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर समाप्त हो रही है।उदया तिथि 9 अगस्त को होने के कारण त्योहार इसी दिन मनाया जाएगा। इस बार पूरे दिन भद्रा धरती पर नही है जिसके कारण पूरा दिन शुभ मुहूर्त बना रहेगा। इस पर्व को मनाने के कई तरह की बातें पुराणों वर्णित है लेकिन प्रमुख कारण यह है कि एक बार राजा बलि रसातल में चला गया तब बलि ने अपने भक्ति बल से भगवान विष्णु जी को अपने पास रहने का वरदान प्राप्त कर लिया। विष्णु जी के घर न लौटने से परेशान लक्ष्मी जी ने नारद मुनि से वापस लाने का उपाय पूछा तो उन्होंने राजा बलि के पास जाकर उन्हें रक्षासूत्र बांधकर बलि को भाई बनाकर उनसे भगवान विष्णु को वापस लौट आने का वचन लिया,संयोग से उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी। तभी से यह पर्व मनाया जाने लगा। यह त्योहार भाई बहन को स्नेह की डोर से बाधने का है इस दिन बहन भाई के ललाट पर तिलक लगाकर रक्षा का बंधन बांधती है। भाई भी बहन के रक्षा का संकल्प लेता है। पूरे देश में यह पर्व विभिन्न रूपों में मनाया जाता है।