Azamgarh news :न्यायालय का आदेश कोतवाल प्रभारी के ठेंगे पर न्याय मांगने आओगे तो पड़ेंगे थप्पड़
न्यायालय का आदेश कोतवाल प्रभारी के ठेंगे पर न्याय मांगने आओगे तो पड़ेंगे थप्पड़
आजमगढ़ ब्यूरो चीफ राकेश श्रीवास्तव
इस समय जिले के जीयनपुर कोतवाल प्रभारी का वायरल वीडियो खूब चर्चा में बना हुआ है लोगों का कहना है कि कोतवाल प्रभारी न्याय मांगने पर देते हैं थप्पड़ I प्राप्त सूचना के अनुसार जीवनपुर कोतवाली अंतर्गत ग्राम मेघई खास निवासी निखिल कुमार यादव पुत्र राजेश यादव ने विवादित जमीन पर अवैध रूप से बना रहे मकान को रोकने के लिए कोतवाली में न्यायालय का स्टेट ऑर्डर लेकर गया था तथा कोतवाल प्रभारी से अनुरोध किया कि बना रहे अवैध मकवाअनुरोध किया कि बना रहे अवैध मकान को न्यायालय का आदेश है कि उसे रुकवा दिया जाए कृपया आप रुकवा दें लेकिन कोतवाल प्रभारी ने न्यायालय के स्टेट ऑर्डर को पढ़ने के बाद ही निखिल यादव पर कर दी थप्पड़ों की बरसात जो थाने के ही सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए l पीड़ित चौकी प्रशासन के आगे कुछ कर नहीं सकता इसलिए वापस आ गया घर और विरोधियों ने मकान बना लिया l इन बातों से क्या साबित होता है क्या कोतवाल प्रभारी न्यायालय के आदेश से अपने आप को ऊपर मानते हैं या जो न्याय मांगने जाता है उसे ही बैठाते हैं और थप्पड़ों से उसको डरवाते हैं और जब विरोधियों का काम हो जाता है तो पीड़ित को छोड़ते हैं आखिर उनकी यह कार्य शैली क्या दर्शाती है l मजेदार बात तो यह है कि जिस समय कोतवाल प्रभारी लड़के को थप्पड़ मार रहे थे उसे समय ना कोई पत्रकार मौके पर मौजूद था ना किसी ने अपने कैमरे से यह वीडियो बनाया है बल्कि यह थाने के सीसीटीवी कैमरे में ही कैद फुटेज वायरल हुई है इसका मतलब है प्रशासन की आपस में ही मतभेद जोरों पर चल रहे हैं तभी तो थाने के सीसीटीवी फुटेज वायरल हुई यह जांच का विषय है कि यह फुटेज कैसे वायरल हुई कैसे लोगों के हाथों में पड़ी l जबकि अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन का कहना है कि वायरल वीडियो की जांच की जा रही है और इसकी जांच की जिम्मेदारी सीओ सगड़ी को दी गई है जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी l अब देखने वाली बात यह है कि क्या यह जांच किसी निष्कर्ष पर पहुंचती है या और भी तमाम जांच के तरह यह भी किसी फाइल में दब कर रह जाती है l
वही जब वायरल वीडियो पत्रकारों के हाथ में आया और उन लोगों ने समाचार चलाना शुरु किया तो कोतवाल प्रभारी के शुभचिंतकों ने उल्टा सवाल पत्रकारों पर ही उठाना शुरू कर दिया जबकि पत्रकार का काम ही होता है समाज में हो रहे कार्यों की जानकारी लोगों तक पहुंचाना पत्रकार का अपना कुछ भी नहीं होता है जो समाज दिखता है इस समाज की बातों को लोगों तक पहुंचाता है l पत्रकार तो समाज का आईना होता है समाज की चीजों को ही समाज के सामने परोसता है l कोतवाल प्रभारी द्वारा किए जा रहे इस प्रकार के कार्य से पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है कि अगर आप न्याय मांगने जाओगे तो कहीं थप्पड़ ना पढ़ने लग जाए l