Deoria news, भाई से भाई का अनुपम प्रेम राम भरत मे
भाई से भाई का अनुपम प्रेम राम भरत ।
आचार्य शिवाकांत मिश्र
देवरिया।
स्थानीय बरहज नगर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्री विश्वनाथ त्रिपाठी की स्मृति में पांच दिवसीय श्री राम कथा के तिसरे दिवस पर, वाराणसी पधारे , शिवाकांत मिश्र ने श्रद्धालुओं को भगवत कथा का रसपान कराते हुए,कहाँ भाई से भाई का प्रेम अगर देखना हो तो रामचरितमानस मैं देखें एक भाई जिसको अयोध्या की राजगद्दी पर आसीन होना था लेकिन पिता के वचनों को मानकर 14 वर्षों के लिए बंन चले गए, वहीं दूसरे भाई भरत को चक्रवर्ती महाराज दशरथ के संस्कार पूर्ण होने के बाद अयोध्या की राज्य सत्ता दिया जा रहा था लेकिन भरत ने कहा कि इसराज सत्ता पर मेरा कोई अधिकार नहीं है यह तो बड़े भैया राम का है और भरत ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा गुरु वशिष्ठ मेरा यही निर्णय है कि मैं अपने भैया को वन से वापस लाकर अयोध्या की राज सत्ता पर आसीन करूंगा, भरत के इस निर्णय को सुनकर समस्त अयोध्या के लोग अचंभित हो गए एक भाई ने पिता के वचन को मानकर बन जाना स्वीकार किया तो दूसरे भाई ने भाई को बन से वापस लाकर अयोध्या की राज सत्ता पर असिन करने के लिए पूरी प्रजा के साथ चित्रकूट पहुंचे चित्रकूट में कई सभाएं हुई सभाओं का अंतिम निर्णय यही निकला प्रभु श्री राम ने भरत को चरण पादुका दी भगवान की चरण पादुका को लेकर अयोध्या की राजगद्दी पर बैठक नंदीग्राम में रहते हुए 14 वर्षों तक राज काज संचालन किया, राम और भरत के इस अनुपम प्रेम को मानस का मनन करने वाला ही समझ सकता है। सुधी श्रोताओं मानस को अपने हृदय रूपी मानस में रखकर जिस दिन चिंतन करने लगेंगे उसे दिन आपका भी परिवार घर भाई से भाई के प्रेम का संबंध अनुपम हो जाएगा।
कथा के दौरान वीरेंद्र त्रिपाठी,राजीवमिश्र ,बलभद्रत्रिपाठी ,प्रेमशंकर,पाठक, प्रभु नाथ शर्मा ,सुदर्शन यादव विद्यालय केसंचालक अरविंद त्रिपाठी ,मैनेजर तिवारी ,छोटेलाल तिवारी, आकृति त्रिपाठी, रागिनी सिंह, शिखा पांडे, सलोनी चौरसिया ,सलोनी सिंह, गौतमी शुक्ला, प्रियंका उपाध्याय ,राम गोपाल सोनकर ,बाल बिहारी तिवारी, सत्य प्रकाश तिवारी, राधेश्याम तिवारी, अनुपम त्रिपाठी,प्रिंस तिवारी , फयानाथ ,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता ,उदय शंकर तिवारी, दया शंकर तिवारी, विद्याधर तिवारी, रमेश तिवारी अनजान, सहित काफी संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित रहे।