जबलपुर के सरकारी अस्पताल में 10 साल से खुला सेप्टिक टैंक बना दो मासूमों की मौत का कारण
A septic tank in Jabalpur's government hospital, which had been open for 10 years, caused the deaths of two children.

जबलपुर के मनमोहन नगर स्थित सरकारी अस्पताल परिसर में 10 साल से खुला पड़ा सेप्टिक टैंक दो सगे भाइयों की मौत का कारण बन गया। हादसे के वक्त सीएम मोहन यादव शहर में मौजूद थे। देर रात लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और विधायक अभिलाष पांडे मौके पर पहुंचे और सफाई ठेकेदार को सेवा से बर्खास्त कर दिया।
शासन ने परिजनों को 4-4 लाख रुपए की सहायता राशि दी है, लेकिन अफसरों पर कार्रवाई न होने से नाराज कांग्रेस ने आज अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया। जिसके बाद चिकित्सा अधिकारी डॉ अंशुल शुक्ला को हटा दिया गया है।
दोनों बच्चों का कुंडम में किया गया अंतिम संस्कार।
दोनों बच्चों का कुंडम में किया गया अंतिम संस्कार।
10 साल से खुला था अस्पताल का टैंक
मनमोहन नगर का यह शासकीय अस्पताल करीब 10 साल पहले बनाया गया था। अस्पताल के सभी निर्माण कार्य पूरे हुए, लेकिन सेप्टिक टैंक का ढक्कन कभी नहीं लगाया गया। स्थानीय लोगों ने कई बार अस्पताल प्रबंधन से टैंक को ढकने की मांग की, क्योंकि यहां रोज मरीज और बच्चे आते हैं।
चेतावनियों के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने अनदेखी की और आखिरकार लापरवाही ने दो मासूमों की जान ले ली। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अमरीष मिश्रा ने कहा कि यह पूरी तरह स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की लापरवाही का नतीजा है। अगर पहले ध्यान दिया गया होता, तो यह हादसा नहीं होता।
सरकारी अस्पताल के इसी सेप्टिक टैंक में 2 भाई गिर गए। दोनों की मौत हो गई।
सरकारी अस्पताल के इसी सेप्टिक टैंक में 2 भाई गिर गए। दोनों की मौत हो गई।
ठेकेदार और चिकित्सा अधिकारी को हटाया
सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि हादसे के बाद प्रथम दृष्टया सफाई ठेकेदार गौरव पिल्लई को दोषी मानते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल की बाउंड्री वॉल के भीतर टैंक के ढक्कन पहले भी चोरी हो जाने की शिकायतें मिली थीं। आसपास के बच्चे क्रिकेट खेलते हैं, और गेंद टैंक के पास चली जाती है, जिसे निकालने बच्चे अंदर आ जाते हैं।
साथ ही डॉ अंशुल शुक्ला चिकित्सा अधिकारी को अन्य आगामी आदेश जारी होने तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ किया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा।
कांग्रेसियों ने घेरा मनमोहन नगर अस्पताल।
कांग्रेसियों ने घेरा मनमोहन नगर अस्पताल।
कांग्रेस ने उठाए सवाल- “मौत की कीमत तय कर दी”
कांग्रेस नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने सिर्फ मुआवजे की रकम देकर मामला दबाने की कोशिश की है। ठेकेदार को हटाना पर्याप्त कार्रवाई नहीं है।उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या अस्पताल प्रभारी, सीएमएचओ, कलेक्टर और सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं? अगर किसी भाजपा नेता के परिवार के बच्चे होते, तो अब तक कलेक्टर का ट्रांसफर हो जाता।”
सौरभ शर्मा ने कहा कि अस्पताल की रोगी कल्याण समिति में भाजपा समर्थक सदस्य हैं, जो लापरवाही पर पर्दा डाल रहे हैं।
कांग्रेस नगर अध्यक्ष ने कहा कि यही घटना अगर भाजपा परिवार में होती तो, कलेक्टर का ट्रांसफर हो जाता।
कांग्रेस नगर अध्यक्ष ने कहा कि यही घटना अगर भाजपा परिवार में होती तो, कलेक्टर का ट्रांसफर हो जाता।
कांग्रेसियों ने किया अस्पताल का घेराव
सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मनमोहन नगर अस्पताल पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि गरीब परिवार के बच्चों की मौत को प्रशासन हल्के में ले रहा है।
देर रात मौके पर पहुंचे लोक निर्माण मंत्री
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और विधायक अभिलाष पांडे देर रात अस्पताल पहुंचे। मंत्री ने कहा“यह- बहुत दुखद घटना है। परिजनों को तात्कालिक सहायता दी जा रही है, यह मुआवजा नहीं बल्कि राहत है। बच्चों की मां की तबीयत खराब है, इसलिए शासन ने अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी की है।”
उन्होंने बताया कि हादसे की जांच जिला प्रशासन को सौंपी गई है, और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बाइट अनुराग जैन
बाइट रितेश पांडे थाना प्रभारी गोहलपुर
जबलपुर से वाजिद खान की रिपोर्ट


