आजमगढ़:चिकित्सालय के सभागार मे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ संवाद का हुआ आयोजन

रिपोर्ट:मोहम्मद शमीम अंसारी

अतरौलिया/आजमगढ़:16 फरवरी 2024 ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान एवं कामनहेल्थ के संयुक्त तत्वावधान मे महिलाओं के नजरिए से गुणवत्तापूर्ण मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता एवं महिलाओं की पहुँच पर अमर शहीद राजा जयलाल सिंह 100 शैयायुक्त संयुक्त जिला चिकित्सालय अतरौलिया आजमगढ़ के सभागार मे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ संवाद का आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि डाक्टर हमीर सिंह MD, वरिष्ठ अतिथि डॉ. रामकुमार, स्टाफ नर्स निर्मला सिंह थीं, ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान के राजदेव चतुर्वेदी ने संवाद मे अध्ययन की रिपोर्ट के निष्कर्षों को साझा किया तथा अलग – अलग गाँव के नारी संघ की सदस्य महिलाओं ने भी स्वास्थ्य सेवा लेने के दौरान अपने अपने अनुभव साझा किया, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने रिपोर्ट एवं महिलाओं द्वारा उठाए गए समस्याओं के समाधान का आश्वासन देते हुए कहा कि भविष्य मे यदि कोई समस्या किसी को हो, तो हमे लिखित रूप मे दें उसका समाधान किया जाएगा । तथा हस्ताक्षर अभियान के तहत स्वास्थ्य मंत्री को एक एप्लीकेशन 100 शैय्या अस्पताल में ब्लड स्टोरेज के लिए लिखा जायेगा । इस अवसर पर नारी संघ की महिलाओं ने अस्पताल की सेवाओं को बेहतर करने के लिए डॉ. यस.के. ध्रुव को मांग पत्र भी दिया, कार्यक्रम मे विकास खंड अतरौलिया की 13 ग्राम पंचायतों की 50 से अधिक महिलाओं ने प्रतिभाग किया, मुख्य रूप से जान्हवीदत्त, ज्योति, वंदना, मधु, सविता, सुधा, सौरभ, दिनेश की सक्रिय भूमिका रही महिलाओं ने स्वास्थ्य विभाग से निम्नलिखित मांग किया:-
•100 शैया अस्पताल मे डाक्टर और स्टाफ नर्स का व्यवहार संवेदनशील हो विशेष करके महिलाओं के साथ।
•सरकारी अस्पताल ( सीएचसी और 100 शैया) मे किसी भी कार्य/जांच, दवा, आपरेशन, एम्बुलेंस, के लिए पैसा नहीं लिया जाना चाहिए। प्रसव के लिए आने वाली महिला के परिवार से प्रसव के समय कोई पैसा न लिया जाए।
•100 शैया अस्पताल के स्तर पर ब्लड स्टोरेज की व्यवस्था हो जिससे खून की आवश्यकता पड़ने पर तत्काल मिल सके।
•किसी भी समस्या की स्थिति मे की गई शिकायत का उचित समाधान/ कार्यवाही होना चाहिए, लीपा पोती होने से समस्या खत्म नहीं होती है।
•स्टाफ नर्स को अपनी ड्यूटी पर अस्पताल में ही रहना चाहिए, चाहे दिन हो या रात, ताकि महिला को कोई परेशानी ना हो।
•अस्पताल जाने वाली महिलाओं को खुद दर्द हो रहा है, ऐसे में डॉक्टर और स्टाफ नर्स उनका अच्छे से इलाज करें और प्रेम पूर्ण व्यवहार करें।
•प्रसव के बाद अगर बच्चे को ऑक्सीजन में रखना होता है तो उसकी भी व्यवस्था 100 शैया पर ही सरकार को करनी चाहिए, ताकि गरीबों का कल्याण हो सके। उन्हे इसके लिए प्राइवेट मे जाना पड़ता है।

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