आजमगढ़ के ब्लॉक जहानागंज रहा चर्चा में बड़हलगंज प्रधान की ग्रामीणों ने खोली पोल

रिपोर्ट:रोशन लाल

बिलरियागंज आजमगढ़:ब्लॉक जहानागंज के ग्रामसभा बड़हलगंज प्रधान की ग्रामीणों ने पोल खोलकर रख दिया है।बड़हलगंज से प्रधान रूही परवीन है। पूर्व प्रधान महबूब आलम है जो प्रतिनिधित्व करते हैं। ग्रामीणों में भारी आक्रोस देखने को मिला है पूर्व प्रधान शिवधनी जायसवाल ने गालीबाज प्रधान महबूब आलम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि विकास के नाम पर कुछ भी नही हुवा है जी हाँ विकाश तो उनका खुद का हुवा है जी हाँ गालीबाज प्रधान मैं नही कह रहा हूं वहाँ की जनता बता रही है कि गालीबाज नाम कैसे पड़ा आइये मैं बताता हूँ पोस्टआफीस से रिटायर्ड 80 वर्षीय रामजनम राय को सरेआम मा बहन की गालियां दी थी जिसपर जहानागंज थाने में मुकदमा भी हुवा है। ऐसे प्रधान को क्या कहा जायेगा शिवधनी जायसवाल ने यह भी बताया है कि चालीस वर्ष पूर्व मकान को महबूब आलम ने सफेदी कराकर सरकार के धन का बंदरबांट कर दिया है। यदि जाँच की जाय तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा ग्रामीणों ने यह भी बताया है कि सफाई कर्मी कभी दिखाई नही देता है बजबजाती नालियां गम्भीर बीमारियों को दावत दी रही है।सौच का पानी खुले में बह रहा है गली में घुसना मुश्किल हो गया है। जिसकी शिकायत कई बार की गई लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई फर्क नही पड़ा है। इतना ही नही ग्रामपंचायत भवन पर 3 महीनों से ताला बंद पड़ा है तो गांव का विकाश कहा से होगा, बाहुबली पूर्व प्रधान की दवंगई पर कोई कार्यवाही नही हों पाई जब सरकारी विद्यालय की बाउंड्रीवाल को तोड़कर अपना रास्ता बना लिया था। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि मनरेगा के काम केवल पेपर में ही चलता है धरातल पर काम नही दिखता है इसका जीता जागता प्रमाण है विवेक के खेत के पास ग्रामसमज की पोखरी पर लगभग 100 लेबर की मस्टरोल दिखाया गया हाजिरी भी लगाई गई लेकिन एक फावड़ा भी मिट्टी नही निकाली गई सायद पेमेम्ट भी हक़ गए होंगे, अगर पेमेंट नही हुवा है तो ब्लॉक के भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से पेमेंट्स भी हो जायेगे, मजे की बात तो यह है अब सवाल उठता भी है कि जाँच कौन करेगा आप ही परीक्षा देने वाले हैं और आप ही कॉपी जाँचने वाले हैं तो आप फेल कैसे होंगे इंडिया मार्क हैंडपंप में डंडा ही नही है। तो पानी कहा से देगा खड़ंजा,नाली, मसीन मरम्मत के नाम पर कई लाख रुपये सरकारी धन का बिना काम किये बन्दर बाँट कर लिया जाता है। ग्रामीणों ने क्या कुछ कहा आइये दिखाते हैं।

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