Azamgarh news:सचिव की लापरवाही पर बीडीओ ने लिया बड़ा एक्शन, दिए जांच के निर्देश,ग्राम विकास अधिकारी ने फोन पर कहा कि सीएमओ कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी पैसे की लालच में नहीं दे रहे हैं आईडी और पासवर्ड

BDO took big action on the negligence of the secretary, gave instructions for investigation, the village development officer said on the phone that the officers and employees of the CMO office are not giving ID and password due to the greed of money.

रिपोर्ट:रोशन लाल

बिलरियागंज आजमगढ़:स्थानीय तहसील क्षेत्र के हरैया विकास खंड अंतर्गत मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने को लेकर ग्रामीण ब्लॉक मुख्यालय के दर्जनों चक्कर लगाने को मजबूर है उसके बावजूद भी उन्हें प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त हो पा रहा है जिस जिस का संज्ञान लेते हुए खंड विकास अधिकारी बड़ा एक्शन लिया है। मिली जानकारी के अनुसार सगड़ी तहसील क्षेत्र के हरैया विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पहाड़पुर में लगभग 1 माह पूर्व जिन लोगों की जन्म/मृत्यु हो चुकी है। उनके परिजन जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए ब्लॉक मुख्यालय के लगातार चक्कर लगा रहे हैं उसके बावजूद भी उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि ग्राम पंचायत पहाड़पुर निवासी मनोज कुमार सिंह के दादा जी का देहांत विगत 20 फरवरी को उनके पैतृक गांव में हुआ था जिनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए मनोज कुमार द्वारा लगातार ब्लॉक मुख्यालय के चक्कर लगाए जा रहे हैं उसके बावजूद भी मृत्यु प्रमाण पत्र अब तक नहीं बन सका। उक्त के संबंध में जब ग्राम विकास अधिकारी से बातचीत की गई तो ग्राम विकास अधिकारी ने बताया कि सीएमओ कार्यालय पर कर्मचारी पैसे के चक्कर में आईडी और पासवर्ड नहीं दे रहे हैं जिसकी वजह से लोग परेशान हैं। उक्त प्रकरण के बारे में जब खंड विकास अधिकारी श्वेतांक सिंह को प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया तो खंड विकास अधिकारी द्वारा ग्राम विकास अधिकारी को ब्लॉक मुख्यालय पर बुलाया गया था किंतु ग्राम विकास अधिकारी द्वारा खंड विकास अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करते हुए ना तो ब्लॉक मुख्यालय पर उपस्थित हुआ गया नहीं कोई टेलिफोनिक संपर्क हो पाया। मामले को गंभीरता से लेते हुए खंड विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी सावन सोनकर का 1 दिन का वेतन काटते हुए जांच कर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। अब देखना यह है कि जांच के उपरांत ग्राम विकास अधिकारी या अन्य संबंधित के ऊपर कोई कार्यवाही होती है या फिर हिला हवाला करके मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

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