आगरा में गोहत्या मामले में अखिल भारत हिंदू महासभा के नेता समेत तीन सहयोगी गिरफ्ता

Agra news: 30 मार्च को गोकशी के एक मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार कोअखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट और उनके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी संजय जाट, जितेंद्र कुशवाहा, ब्रजेश भदौरिया और सौरभ शर्मा को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया.असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार सिंह ने कहा, जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि उनकी चार लोगों से दुश्मनी थी और वे उन्हें गोकसी के मामले में फंसाना चाहते थे.पुलिस के मुताबिक, 30 मार्च को राइट विंग के एक समूह के सदस्यों ने रामनवमी उत्सव के दौरान आगरा के गौतम नगर में एक गाय की हत्या की सूचना दी. मामले की जांच कर रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जितेंद्र कुशवाहा की ओर से दायर शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें चार मुस्लिम पुरुषों को आरोपी बनाया गया था.पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस को इलाके से गोवंश मिला था, जिसके बाद एक मुस्लिम शख्स को तड़के तीन बजे उसके घर से उठाया गया. कॉल डिटेल रिकॉर्ड से हुआ खुलासा हालांकि पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट के सहयोगियों ने चार मुस्लिम्स लोगों को फंसाने का प्रयास किया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने जब “कॉल डिटेल रिकॉर्ड” (सीडीआर) निकलवाकर जांच से पता चला कि एफआईआर में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं वे अपराध स्थल पर मौजूद ही नहीं थे।संजय जाट के सहयोगी ने गौतम नगर में गाय पकड़ी और उसकी हत्या की पुलिस ने बताया कि संजय जाट का सहयोगी झल्लू मवेशियों का कसाई था और मुस्लिम पुरुष उसके प्रतिस्पर्धी थे. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि, झल्लू और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर गौतम नगर में एक गाय पकड़ी और उसकी हत्या कर दी. इसके बाद आरोपियों ने संजय जाट से संपर्क किया. इसके बाद संजय जाट ने एत्मादुल्लाह पुलिस स्टेशन में मामले की सूचना दी।BJP से टिकट के लिए लाइन में खड़े मुस्लिम, मोदी-योगी पर भरोसा- धर्मपाल सिंह झल्लू के कहने पर जिन व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी वे उसके प्रतिस्पर्धी थे. पुलिस के मुताबिक, महासभा के सदस्यों और झल्लू के कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पता चला कि वे आपस संपर्क में थे और सीसीटीवी फुटेज से पता चला यह पूर्व नियोजित था. पुलिस ने कहा कि झल्लू को पूर्व में गोहत्या के आरोप में जेल भेजा जा चुका था. जिनपर लगे आरोप वे घटनास्थल पर थे ही नहीं, पुलिस जांच में हुआ खुलासा इसके अलावा संजय जाट और उनके सहयोगियों के खिलाफ जबरन वसूली, हत्या के प्रयास और धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं.एफआईआर में नामजद चार में से एक आगरा नगर निगम के कर्मचारी नाकीम ने कहा कि जब यह घटना हुई तब वह मथुरा में एक पारिवारिक समारोह में शामिल हो रहे थे।संजय जाट का कहना है कि, ‘गोहत्या करने वालों के साथ पुलिस की मिलीभगत है. वहीं अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने पुष्टि की कि संजय जाट संगठन के सदस्य थे, और अपराध में उनकी संलिप्तता की जांच के लिए एक राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया था. उन्होंने कहा कि, दोषी पाए जाने पर उन्हें निष्कासित कर दिया जाएगा.बता दें कि, 9 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग के बाद यह घटना सुर्खियों में आई थी. Vishu Murder Case: वर्चस्व और टशनबाजी में की गई थी विशू की हत्या, एनकाउंटर में पकड़ा गया आरोपी अनस

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