Azamgarh news:बाबा साहब ड्रॉक्टर भीम राव अंबेडकर जी की 132 जयंती मनाई गई 

रिपोर्ट:राहुल पांडे

गंभीरपुर /आजमगढ़।14 अप्रैल दिन शुक्रवार 1891को भारत रत्न वह भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के 132 जयंती के अवसर पर रानीपुर  रजमो गांव आजमगढ़ जौनपुर मार्ग पर स्थित अंबेडकर प्रतिमा  पर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जिसमें दर्जनों गांव के जुलूस वह झांकी के साथ सैकड़ों लोगों के द्वारा एक समूह में होकर गंभीरपुर बाजार भ्रमण के बाद पुनः रानीपुर रजमो में ही समापन किया जाता है।डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने कमजोर और पिछड़ा वर्ग को समान अधिकार दिलाने, जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। यही वजह है कि बाबा साहेब की जयंती को भारत में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने, समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने का काम किया है।
14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू में रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई ने अपनी सबसे छोटी संतान को जन्म दिया, जिसका नाम था भिवा रामजी अंबेडकर। बाबासाहेब के नाम से पहचाने जाने वाले आंबेडकर अपने 14 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। डॉ. अंबेडकर अछूत माने जानी वाली  महार जाति के थे। ऐसे में उन्हें बचपन से  भेदभाव और समाजिक दुराव से गुजरना पड़ा।1913 में अंबेडकर ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से लॉ, इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में डिग्री प्राप्त की। उन्होंने भारत में लेबर पार्टी का गठन किया, आजादी के बाद कानून मंत्री बने। दो बार राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए बाबा साहेब संविधान समिति के अध्यक्ष रहे। समाज में समानता की अलख जलाने वाले अंबेडकर को 1990 में भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर हरिप्रकाश मास्टर, संतोष कुमार, जुल्मधारी यादव, मंतोष यादव, बाबूराम यादव, शंकर राम समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहें।

Related Articles

Back to top button