आजमगढ़ को बदनाम करने वाले आज बेनकाब हो चुके हैं : मुख्यमंत्री योगी

Those who have discredited Azamgarh have been exposed today: Chief Minister Yogi

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में भाजपा प्रत्याशी नीलम सोनकर और दिनेश लाल यादव निरहुआ के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

 

रिपोर्ट: आफताब आलम

आजमगढ़, 16 मई । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में भाजपा प्रत्याशी नीलम सोनकर और दिनेश लाल यादव निरहुआ के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

 

 

 

उन्होंने कहा कि देश 10 वर्ष पहले पहचान और विश्वास के संकट से जूझ रहा था। हर एक व्यक्ति पर सुरक्षा का खतरा मंडरा रहा था। देश में विकास कार्य ठप हो चुके थे क्योंकि कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी थी। उस दौरान गरीब भूख से मरता था, किसान आत्महत्या करते थे, बेटी और व्यापारी सुरक्षित नहीं थे। देश और दुनिया में आतंकी घटना होने पर उसके तार आजमगढ़ से जोड़े जाते थे और उसे बदनाम किया जाता था। पिछले 10 वर्षों में हमने बदलते हुए भारत को देखा है। हम एक नए भारत का दर्शन कर रहे हैं, जिसमें दुनिया में सम्मान बढ़ा है, सीमाएं सुरक्षित हुई हैं, आतंकवाद, नक्सलवाद पर प्रभावी अंकुश लगा है। आजमगढ़ में महाराज सुहेलदेव के नाम पर एक विश्वविद्यालय बन गया है। इसके साथ ही आजमगढ़ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ गया है। आज आजमगढ़ में एयरपोर्ट भी है। ये सब मोदी की गारंटी से हुआ है।

 

 

 

मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि आजमगढ़ को बदनाम करने वाले आज बेनकाब हो चुके हैं। आज आजमगढ़ वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज समेत अन्य जिलों से फोरलेन की बेहतरीन कनेक्टिविटी के साथ जुड़कर नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का नया आजमगढ़ बन चुका है। पहले देश और दुनिया में लोग आजमगढ़ का नाम सुनते ही चौंक जाते थे। उस दौरान यहां के लोगों को देश और दुनिया में जाने में काफी समस्या होती थी क्योंकि वहां आजमगढ़वासियों को होटल तो दूर धर्मशाला में भी रूम नहीं मिलते थे।

 

 

 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज आजमगढ़वासियों का सम्मान बढ़ा है। उन्हें नई पहचान मिली है। यही वजह है कि पूरे देश में ‘अबकी बार 400 पार’ की गूंज सुनाई दे रही है। पूरा देश एक स्वर में कह रहा है कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। हमें भटकना और बहकना नहीं है। जिन्होंने हमारे लिए काम किया है और हमें पहचान दी है। ऐसे में हमें कमल खिलाने के अभियान के साथ जुड़ना है।

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