केरल में वाम दलों के प्रदर्शन पर सीपीआई ने कहा, नेतृत्व में बदलाव का समय आ गया है

On the performance of the Left parties in Kerala, the CPI said it was time for a change in leadership

तिरुवनंतपुरम, 6 जून: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता सी. दिवाकरन ने लोकसभा चुनाव में पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे की हार के बाद कहा है कि अब नेतृत्व में बदलाव का समय आ गया है।

 

 

 

 

केरल में 20 लोकसभा सीटों में से वामपंथी दल केवल एक ही सीट जीत पाई। वहीं माकपा ने जिन चार सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा।

 

 

 

 

 

किसी का नाम लिए बगैर पूर्व राज्य मंत्री और दो बार विधायक रह चुके दिवाकरन ने कहा कि बदलाव होना चाहिए और वामपंथी इस तरह आगे नहीं बढ़ सकते।

 

दिवाकरन ने कहा, “बदलाव बड़े पैमाने पर होने चाहिए, साथ ही युवाओं के लिए रास्ता साफ होना चाहिए।”

 

 

 

 

 

2019 के लोकसभा चुनावों में दिवाकरन कांग्रेस के शशि थरूर के खिलाफ मैदान में उतरे थे और 99,000 से ज्यादा वोटों से हार गए थे। उन्हें तब जितने वोट मिले, वे 2024 के चुनाव में उनके पार्टी सहयोगी पनियन रवींद्रन को मिले वोटों से ज्‍यादा थे।

 

दिवाकरन के वार के बाद, केरल में वाम सहयोगी वरिष्ठ नेता वर्गीस जॉर्ज ने कहा कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा द्वारा आत्मनिरीक्षण का समय आ गया है।

 

 

 

 

जॉर्ज ने कहा, “वाम दलों के वोट शेयर में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह एक बड़ा मुद्दा है और इस पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए। हमें राज्यसभा सीट के लिए विचार करना चाहिए।”

 

 

 

 

 

इस बीच एक दशक तक सीपीआई (एम) के साथी रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता चेरियन फिलिप ने कहा कि केरल में वर्तमान सीपीआई (एम) जिस तरह से आगे बढ़ रही है, वह पश्चिम बंगाल की स्थिति की याद दिलाती है।

 

 

 

 

फिलिप ने कहा, ”पश्चिम बंगाल में सीपीआई(एम) को खत्म होने में 34 साल लग गए। केरल के मंत्रियों के कब्जे वाली 18 विधानसभा सीटों के नतीजों के बाद स्थिति यह बताती है कि वे पिछड़ गए हैं। अगर हालात ऐसे ही रहे तो 2026 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का सूपड़ा साफ हो जाएगा।”

 

 

 

 

अब सभी की निगाहें एलडीएफ की बैठक और सीपीआई (एम) की बैठक पर टिकी हैं और यह देखना बाकी है कि बैठक में सीएम विजयन की कार्यशैली पर चर्चा होगी या नहीं।

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