जयराम रमेश के आरोप पर लोकसभा सचिवालय ने दिया बयान

Lok Sabha Secretariat issues statement on Jairam Ramesh's allegations

नई दिल्ली, 6 जून: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि संसद भवन से महापुरुष की प्रतिमा हटाई गई है। उनके आरोपों को खारिज करते हुए लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि संसद भवन परिसर से किसी भी महापुरुष की प्रतिमा को हटाया नहीं गया है बल्कि महापुरुषों की प्रतिमाओं को संसद भवन परिसर में ही सम्मानजनक रूप से भव्य ‘प्रेरणा स्थल’ में स्थापित किया जा रहा है ताकि संसद परिसर में भ्रमण के लिए आने वाले आगंतुक इन महापुरुषों की प्रतिमाओं का सुगमता से दर्शन कर सकें और उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा ले सकें।

 

 

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संसद के नए भवन के निर्माण के पश्चात संसद परिसर में लैंडस्केपिंग एवं सौंदर्यीकरण की कार्य योजना बनाई गई है ताकि इस परिसर को संसद की उच्च गरिमा एवं मर्यादा के अनुरूप भव्य एवं आकर्षक बनाया जा सके। संसद परिसर में देश के महापुरुषों एवं स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं परिसर के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर स्थापित की गई थी।

 

 

इन महापुरुषों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का हमारे राष्ट्र की आजादी में, राष्ट्र के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक पुनर्जागरण में तथा आजादी के उपरांत देश की लोकतांत्रिक यात्रा को मजबूती से आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान रहा है। इन महानायकों ने अपने जीवन दर्शन से एवं अपने कृतित्व से देश के जनजातीय गौरव को स्थापित किया,शोषित-वंचित समाज के उत्थान का मार्ग प्रशस्त किया है। वे हमारे राष्ट्र की वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए शाश्वत प्रेरणा के स्रोत है।

 

 

बयान में आगे कहा गया है कि संसद परिसर में अलग-अलग स्थानों पर अवस्थित होने के कारण आगंतुक इन प्रतिमाओं को सुविधाजनक रूप से नहीं देख पाते थे। इसी कारण इन सभी प्रतिमाओं को संसद भवन परिसर में ही सम्मानजनक रूप से एक भव्य ‘प्रेरणा स्थल’ में स्थापित किया जा रहा है।

 

इस ‘प्रेरणा स्थल’ को इस प्रकार विकसित किया जा रहा है कि संसद परिसर में भ्रमण के लिए आने वाले आगंतुक इन महापुरुषों की प्रतिमाओं का सुगमता से दर्शन कर सकें और उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा ले सकें। इस ‘प्रेरणा स्थल’ में हमारे महापुरुषों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन एवं उनके योगदान के संबंध में आगंतुकों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि उनके दर्शन हेतु आने वाले व्यक्ति उनके जीवन एवं विचारों से प्रेरणा प्राप्त कर सकें एवं इस श्रद्धा स्थल पर उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि दे सकें।

 

 

लोकसभा सचिवालय के मुताबिक संसद भवन परिसर लोकसभा अध्यक्ष के क्षेत्राधिकार में आता है तथा परिसर के अंदर पूर्व में भी लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से प्रतिमाओं का स्थानांतरण किया गया है। यह स्पष्ट है कि संसद भवन परिसर से किसी भी महापुरुष की प्रतिमा को हटाया नहीं गया है, बल्कि उन्हें संसद भवन परिसर के अंदर ही व्यवस्थित एवं सम्मानजनक रूप से स्थापित किया जा रहा है।

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