नए कानून में तकनीक का बड़ा महत्व है : मुख्यमंत्री योगी
Technology is of great importance in new law: Chief Minister Yogi
लखनऊ, 7 जून । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में पहली जुलाई से लागू होने जा रही नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि संसद ने अंग्रेजों द्वारा बनाए गए इंडियन पीनल कोड, 1860, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (1898), 1973 और इंडियन एवीडेंस एक्ट, 1872 कानूनों को समाप्त कर तीन नए कानून पारित किए हैं। यह कानून आगामी एक जुलाई से उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में लागू होना है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नवीन व्यवस्था के अनुसार, इंडियन पीनल कोड, 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 स्थापित होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, 1898 की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और इंडियन एवीडेंस एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 स्थापित होगा। नए भारत के तीनों स्वदेशी कानून प्रधानमंत्री मोदी के प्रण को पूरा करने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि समाप्त किए गए तीनों कानून अंग्रेजी शासन को मजबूत और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे। उनका उद्देश्य दंड देने का था, न कि न्याय देने का, जबकि भारतीय लोकतंत्र न्याय की अवधारणा वाला है।
भारतीय मूल्यों को दृष्टिगत रखते हुए संसद द्वारा पारित तीनों नए कानून हमारे आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक परिवर्तन करने वाले होंगे। यह सुनिश्चित किया जाए कि तीनों नए कानून के लागू होने से पूर्व इनसे संबंधित राज्य स्तरीय अधिनियम, नियमावली, एसओपी, शासनादेशों में संशोधन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानून में तकनीक का बड़ा महत्व है। डेटा एनालिटिक्स, साक्ष्यों के संकलन, ई-कोर्ट, दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन जैसी हर प्रक्रिया में तकनीक का उपयोग किया जाना है। इसके लिए आवश्यक तकनीकी बदलाव बिना देरी किए जाएं।
फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट, लखनऊ का सहयोग लें। रेंज स्तर पर स्थापित सभी फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में हर जरूरी संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। सभी 75 जिलों में फॉरेंसिक लैब स्थापित कराएं। कोर्ट में पेशी के लिए हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होनी चाहिए। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर रखें। प्रस्ताव तैयार करें, शासन स्तर से पूरा सहयोग मिलेगा।
उन्होंने कहा कि नए कानून सहजता से लागू किए जा सकें और अपने उद्देश्यों में सफल हों, इसके लिए तीनों नए कानूनों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है। कॉन्स्टेबल, उपनिरीक्षक, इंस्पेक्टर, अभियोजक, जेल कर्मचारी आदि की विधिवत ट्रेनिंग कराएं।