इंदिरा गांधी की हत्या के महिमामंडन पर कनाडाई सांसद आर्या ने जताई चिंता

Canadian MP Arya expresses concern over glorification of Indira Gandhi's assassination

चंडीगढ़, 8 जून: खालिस्तान समर्थकों द्वारा कनाडा में एक फ्लोट पर कटआउट बनाकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के महिमामंडन पर भारत में जन्मे कनाडाई सांसद चंद्रा आर्या ने शनिवार को चिंता जताई और कानून-प्रवर्तन एजेंसियों से कार्रवाई करने की मांग की।

 

 

 

 

 

आर्या ने एक्स पर लिखा, “वैंकूवर में खालिस्तानी समर्थकों ने भारत की हिंदू प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के गोलियों से छलनी शरीर और उनकी तरफ बंदूकें ताने उनके अंगरक्षकों के पोस्टरों के साथ एक बार फिर कनाडा के हिंदुओं के मन में भय पैदा करने का प्रयास किया है।”

 

 

 

 

 

उन्होंने कहा, “यह चंद साल पहले ब्रैम्पटन में एक ऐसे ही फ्लोट और कुछ महीने पहले सिख फॉर जस्टिस के (गुरपतवंत) पन्नू के हिंदुओं को भारत लौटने की धमकियों की अगली कड़ी है।”

 

 

 

 

आर्या ने कनाडा की कानून-प्रवर्तन एजेंसियों से इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “अपना संदेश देने के लिए बंदूकों की तस्वीरों का इस्तेमाल करना, यदि इसे अभी रोका नहीं गया तो यह कभी वास्तविकता भी बन सकती है। इंदिरा गांधी के कटआउट पर बिंदी को जिस तरह उभारा गया है, वह स्पष्ट संदेश देता है कि निशाने पर कनाडाई हिंदू हैं।”

 

 

 

 

 

पन्नू को भारत सरकार ने 1 जुलाई 2020 को व्यक्तिगत आतंकवादी घोषित किया था।

 

एनआईए ने उसके संगठन सिख फॉर जस्टिस पर युवाओं को चरमपंथी बनाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

 

उसे लेकर भारत और कनाडा के बीच पिछले कुछ समय से राजनयिक तनाव भी बना हुआ है।

 

 

 

 

इंदिरा गांधी की हत्या के महिमामंडन पर कनाडा के जन सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने कहा, “इस सप्ताह वैंकूवर में भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को चित्रात्मक रूप में दिखाए जाने की खबरें मिली हैं। कनाडा में हिंसा को बढ़ावा देना कभी स्वीकार्य नहीं है।”

 

 

 

 

 

भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस घटना का संबंध ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ की 40वीं बरसी से हो सकता है। भारतीय सेना ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में छिपे खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों के खिलाफ 1 जून से 8 जून 1984 के बीच ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ चलाया था।

 

 

 

 

 

इस ऑपरेशन में दोनों पक्षों में काफी लोगों की जानें गई थीं और स्वर्ण मंदिर तथा मंदिर परिसर को भी काफी क्षति पहुंची थी।

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