भविष्य में विभाग ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा जिससे अध्यापकों का शोषण हो ,

रिपोर्टर अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम्स

सुखपुरा(बलिया)।

 

9 जून को जनपद के 22 केंद्रो दो पाली मे  बी.एड. प्रवेश परीक्षा आयोजित हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के साथ-साथ जिला विद्यालय निरीक्षक की प्रमुख भूमिका रही।

 

माध्यमिक विद्यालयों में 21 मई से 30 जून तक ग्रीष्मावकाश है। अध्यापक अपने-अपने घर या पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में बाहर गए हुए हैं।

 

जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा केंद्र व्यवस्थापकों की मांग पर कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति की गई है।कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति के पूर्व यदि जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा संबंधित

 

विद्यालयों के प्रधानाचार्यो से सूची मांगी गई होती तो स्थिति ऐसी नहीं होती।अन्य जनपदों,राज्यों, तथा प्रान्तों से नियुक्त शिक्षक जो ग्रीष्मावकाश में मुख्यालय पर नहीं है ।

 

मसलन पी.एन. इंटर कॉलेज दुबे छपरा केंद्र पर, श्री सुदिष्ट बाबा इंटर कॉलेज सुदिष्टपुरी के कानपुर निवासिनी श्रीमती मनाली,गौरव सिंह बिजनौर तथा रजत कुमार वाराणसी को

 

कक्ष निरीक्षक नियुक्त किया गया है।आम घाट केंद्र पर दिउली के सुभादीप घोष जो बांकुड़ा, पश्चिम बंगाल के हैं,रविंद्र कुमार- अयोध्या,संतोष कुमार-आजमगढ़ को

 

नियुक्त किया गया है। सतीश चंद्र कॉलेज केंद्र पर शिवमंगल सिंह इंटर कॉलेज बेरूआरवारी के बाहरी जिले के निवासी अध्यापकों का तथा एक अध्यापक रघुनाथ पांडेय छितौनी

 

के हैं जो 31 मार्च 2024 को सेवानिवृत हो गए हैं।उक्त आशय की जानकारी एक विज्ञप्ति में देते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष विजय कुमार

 

सिंह ने बतलाया है कि अफरा-तफरी में कक्ष निरीक्षक नियुक्त होने से संबंधित परीक्षा केंद्र व्यवस्थापकों को भी परेशानी उठानी पड़ी होगी।वैसे माध्यमिक शिक्षा की परीक्षा

 

तथा मूल्यांकन ही अध्यापक के कार्य का हिस्सा है ।शेष किसी अन्य परीक्षा में ड्यूटी हेतु अध्यापक को बाध्य नहीं किया जा सकता है। आशा है भविष्य में विभाग ऐसा कोई

 

कार्य नहीं करेगा जिससे अध्यापकों का शोषण हो तथा उन्हें अनावश्यक परेशान होना पड़े।

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