कोविड के बाद निगमबोध घाट पर एक दिन में हुए सबसे ज्यादा दाह संस्कार, मौत की वजह भीषण गर्मी

Most cremations in a day at Nigambodh Ghat after COVID-19, deaths caused by extreme heat

 

 

 

 

 

नई दिल्ली, 20 जून: दिल्ली के निगमबोध घाट पर बुधवार को कोरोना के बाद सबसे ज्यादा शव आए। इसकी एक वजह भीषण गर्मी बताई जा रही है। निगमबोध घाट दिल्ली का सबसे बड़ा श्मशान घाट है। यहां साधारणतया हर रोज 50 से 60 शव आते हैं। लेकिन बुधवार को 142 शव आए।

 

 

 

 

 

 

पिछले कुछ सालों से जून के महीने में शमशान घाट में शवों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जा रही है। इससे पहले कोविड के दिनों में शवों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली थी। उस दौरान जून के महीने में शवों की संख्या 1500 थी। निगमबोध घाट पर कोविड महामारी के दौरान एक दिन में 253 शव आए थे।

 

 

 

 

 

 

निगमबोध घाट के प्रभारी सुमन गुप्ता ने आईएएनएस को इस संबंध में बताया, “राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ रही है। इसकी वजह से शमशान घाट में शवों की संख्या में तेजी देखने को मिली है। यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि कोरोना के बाद सबसे ज्यादा शव कल आए। निगमबोध घाट दिल्ली का सबसे बड़ा शमशान घाट है। यहां वैसे भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में शव आते हैं।“

 

 

 

 

शवों की संख्या गर्मी में या सर्दी में बढ़ जाती है। गर्मी में लोग अत्यधिक तापमान और हीटवेव की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। वहीं सर्दी में बुजुर्ग लोगों को सांस की समस्या होती है, जिसकी वजह से शमशान घाट में आने वाले शवों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जाती है।

 

 

 

 

 

बता दें कि पूरा उत्तर भारत इस वक्त भीषण गर्मी की चपेट में है। एनसीआर में हीट स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि देखी गई है। अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। दस्त, डायरिया, उल्टी आदि मामलों के रोगियों की संख्या भी काफी बढ़ गई है।

 

 

 

 

 

अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो अलग-अलग अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। सिर्फ सफदरजंग अस्पताल में एक दिन में बुधवार को हीट स्ट्रोक के 15 मरीज भर्ती हुए।

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