रूसी विदेश मंत्री लावरोव से मिले जयशंकर, सेना में भर्ती भारतीयों की सुरक्षा का उठाया मुद्दा
Jayashankar meets Russian Foreign Minister Lavrov, raises issue of security of Indians recruited in the army
अस्ताना, 3 जुलाई: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की बैठक के इतर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान जयशंकर ने यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित और जल्द वापसी पर जोर दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सर्गेई लावरोव के साथ बैठक के बाद एक्स पर पोस्ट किया, “हमारी द्विपक्षीय साझेदारी और समसामयिक मुद्दों पर व्यापक बातचीत हुई। दिसंबर 2023 में हमारी पिछली बैठक के बाद से कई क्षेत्रों में प्रगति पर ध्यान दिया गया। हमने युद्ध क्षेत्र में मौजूद भारतीय नागरिकों पर अपनी गहरी चिंता जताई। उनकी सुरक्षित और जल्द से जल्द वापसी पर जोर दिया।”विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि ग्लोबल रणनीतिक परिदृश्य पर भी बातचीत की और आकलन तथा विचारों का आदान-प्रदान भी हुआ।
विदेश मंत्री गुरुवार को होने वाली एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की 24वीं बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
भारत सरकार ने पिछले महीने खुलासा किया था कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में रूसी सेना में भर्ती दो भारतीय नागरिक मारे गए हैं।
बाद में, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि रूसी सेना की ओर से भर्ती किए गए 10 भारतीयों को वापस भारत भेज दिया गया है।मंत्रालय ने रूसी सेना में शामिल सभी भारतीय नागरिकों की जल्द वापसी के लिए नई दिल्ली में रूसी राजदूत तथा मॉस्को में रूसी अधिकारियों के सामने इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया था। भारत ने यह भी मांग की थी कि रूसी सेना में नागरिकों की किसी भी तरह की भर्ती पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।विदेश मंत्रालय ने 11 जून को कहा था, “ऐसी गतिविधियां हमारी साझेदारी के अनुरूप नहीं होंगी। हम भारतीय नागरिकों से भी अपील करते हैं कि वे रूस में रोजगार के अवसर तलाशते समय सावधानी बरतें।”
लावरोव से मुलाकात के बाद विदेश मंत्री ने अस्ताना के पुश्किन पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ भारतीय समुदाय के सदस्य भी शामिल हुए।बता दें कि इससे पहले, मंगलवार शाम को अस्ताना पहुंचने के तुरंत बाद एस जयशंकर ने कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से मुलाकात की थी।