हाथरस हादसा : मायावती ने एसआईटी रिपोर्ट को बताया राजनीति से प्रेरित

Hathras incident: Mayawati calls SIT report politically motivated

लखनऊ, 10 जुलाई : उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने हाथरस हादसे पर जारी एसआईटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं, बल्कि राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है।

पूर्व सीएम मायावती ने बुधवार को एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया, “उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है। किन्तु एसआईटी की ओर से सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुखद है।”

मायावती ने एक और पोस्ट में कहा, “इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के संबंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिंताओं का कारण है। साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय है। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटना दोहराई न जाएं।

बता दें कि हाथरस के सिकंदराराऊ में 2 जुलाई को सत्संग के दौरान घटित दुर्घटना के तत्काल बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 2, 3 और 5 जुलाई को घटनास्थल का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी शामिल है।

जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक और तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं। उप जिला मजिस्ट्रेट सिकंदराराऊ ने बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये ही आयोजन की अनुमति दी और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया। इसी क्रम में, सिकंदराराऊ के उप जिला मजिस्ट्रेट, सिकंदराराऊ के पुलिस क्षेत्राधिकारी, सिकंदराराऊ के थानाध्यक्ष, सिकंदराराऊ के तहसीलदार, चौकी इंचार्ज कचौरा एवं चौकी इंचार्ज पोरा को निलंबित कर दिया गया है।

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