बजट में पूरे देश में मजबूत डिजिटल इंफ्रा पर फोकस की जरूरत : उद्योग जगत

There is a need to focus on strong digital infrastructure across the country in the budget: Industry

नई दिल्ली, 15 जुलाई: डिजिटल बुनियादी ढांचा प्रदाताओं के संघ (डीआईपीए) ने सोमवार को सरकार से वित्त वर्ष 2024-25 के आगामी बजट में जीएसटी के तहत टेलीकॉम टावरों के लिए भी इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रावधान करने की मांग की है। संघ का कहना है कि इससे बुनियादी ढांचा प्रदाताओं की लागत में बड़ी कमी आएगी और अंततः उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा।

किसी उद्योग को माल या सेवाओं की खरीद पर जो जीएसटी देना पड़ता है, कुछ माल और सेवाओं के मामले में वह वापस मिल जाता है। इसे इनपुट टैक्स क्रेडिट कहते हैं।

डीआईपीए ने संबंधित बुनियादी ढांचों और एसेसरीज पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के बारे में स्पष्टीकरण की भी मांग की है क्योंकि मौजूदा अस्पष्टता के कारण इस उद्योग की लागत काफी बढ़ गई है।

डीआईपीए के महानिदेशक तिलक राज दुआ ने कहा, “अगले बजट से पहले डीआईपीए सरकार से ऐसी नीतियों को प्राथमिकता देने की अपील करती है जिनसे देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो।”

उन्होंने कहा कि हमारे देश डिजिटल भविष्य दूरसंचार नेटवर्क, विशेषकर 5जी, के तेज विस्तार और ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी में सुधार पर निर्भर करता है।

उद्योग संगठन के कहा कि सभी राज्यों में दूरसंचार इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए औद्योगिक दर पर बिजली की उपलब्धता भी महत्वपूर्ण है। उसने कहा, “इससे परिचालन लागत में 20 प्रतिशत तक कमी आएगी। इस बचत का इस्तेमाल नेटवर्क विस्तार में किया जा सकता है।”

डीआईपीए ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संशोधित राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) नियमों को लागू करने की अनुशंसा की है। उसने कहा है कि बुनियादी ढांचा लगाने की बाधा दूर करने और अफसरशाही से जुड़ी बाधाओं को कम करने के लिए यह मानकीकरण जरूरी है।

दूरसंचार उद्योग को नये दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत विस्तृत दूरसंचार नियमों का इंतजार है। उसने दूरसंचार नेटवर्क, समुचित आरओडब्ल्यू अनुदान और दूरसंचार ढांचों को प्रॉपर्टी से अलग करने पर स्पष्ट दिशा-निर्देशों की मांग की है।

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