श्रीरामलला के चरणों में अर्पित हुई ‘राम-सीता’ के चरण चिह्नों की अनुकृति

A replica of the footprints of 'Ram-Sita' was offered at the feet of Shri Ramlala

अयोध्या, 18 जुलाई। अयोध्या के श्रीराम मंदिर स्थित श्रीरामलला को ‘श्रीराम-सीता’ के चरणों की चांदी से बनी अनुकृति अर्पित की गई। इसे गुरुवार को श्रीराम मंदिर पहुंचे उज्जैन के प्रभात मित्र मंडल के सदस्यों ने श्रद्धा भाव से अर्पित किया।उज्जैन से अयोध्या पहुंचे प्रो. वीके कुमार गणपतलाल अग्रवाल, अनिता कुमावत, महेंद्र अरोरा, बालचंद्र कुलमी, वीरेंद्र कुमार माहेश्वरी हरिलाल सोनिया समेत 30 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय से मुलाकात की।
उन्होंने बताया कि जटायु ने माता सीता के हरण के दौरान उन्हें देखा था। इसका वर्णन श्रीरामचरित मानस के अरण्यकांड में मिलता है। इसी कांड में जटायु ने श्रीराम और जनकसुता के पदचिह्नों का वर्णन भी किया है। इस वर्णन के आधार पर ही माता सीता और भगवान श्रीराम के पदचिह्नों को तैयार किया गया है। अरण्यकांड में बताया गया है कि बड़भागी जटायु ने जंगल में विचरण के दौरान श्रीराम-सीता के पदचिह्नों को देखा था।
बता दें कि अयोध्या में लंबे इंतजार के बाद राम मंदिर का विधिवत उद्घाटन हो गया। काफी समय के बाद राम भक्तों की मनोकामना पूरी हुई है। रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजित हो गए हैं। 23 जनवरी से भगवान राम का दरबार भक्तों के लिए खोल दिया गया है। राम भक्त बड़ी संख्या में रामलला का दर्शन करने अयोध्या पहुंच रहे हैं।

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