लूट की घटना को अंजाम देकर खाकी वर्दी को किया शर्मसार: 42 लाख रुपए की लूट में चौकी इंचार्ज हुआ गिरफ्तार
Robbery incident: Khaki uniform shamed: 42 lakh robbery in charge of the police station was arrested
रिपोर्ट:रोशन लाल
उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे में कुछ पुलिस भी अजीब हैं ?
कभी किसी आरोपी की गिरफ्तारी के लिए आधी रात को बिना वारंट के ही उसके घर में घुस कर तोड़ फोड़ करके महिलाओं को गाली देना और आरोपित न मिलने पर उसके बाप या भाई को पकड़ लाना तथा जबतक लक्ष्मी कांत प्यारे लाल भेंट न होजए तबतक गिरफ्तार लोगों को थाना पर बैठा कर प्रताड़ित करना ।कभी स्टे युक्त जमीन पर अवैध कब्जा दिला देना, कभी अदालत में विचाराधीन मुकदमा के बाद भी किसी का मकान तुड़वा देना ,तो कभी किसी के साथ लूट की घटना को अंजाम दे देना आदि।इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में चौकी इंचार्ज ने 42 लाख रुपए की लूट को अंजाम दिया. मामले का जब खुलासा हुआ तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।(Some policemen in the police department of Uttar Pradesh are also strange?
Sometimes for the arrest of an accused in the middle of the night without a warrant to enter his house and vandalize women and abuse the accused is not found his father or brother and arrested people until Laxmi Kant Pyare Lal met Sometimes illegally occupying land with stay, sometimes demolishing someone’s house even after a case pending in court, sometimes committing robbery with someone, etc. In the same vein, the answer In Varanasi, the police station in-charge robbed Rs 42 lakh. When the case was revealed, there was panic in the police department. Police arrested Daroga Surya Prakash Pandey and other accused. The whole incident took place on the highway of Ramnagar police station, where post in-charge Surya Prakash Pandey, posted at Nadesar police station in Varanasi, along with his other accomplices robbed a jeweler of Rs 42 lakh. The victim lodged a complaint at Ramnagar police station. The case was big so the police started investigating. When the first picture came out from the investigation and CCTV footage, the whole matter unfolded layer by layer. Police station in-charge Surya Prakash Pandey was interrogated for three days. Three days later, when the case was opened, the truth came out and the whole story of the robbery was reveale)पुलिस ने दरोगा सूर्यप्रकाश पांडेय समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.पूरा मामला थाना रामनगर के हाइवे का है, जहां वाराणसी के नदेसर चौकी पर तैनात चौकी इंचार्ज सूर्यप्रकाश पांडेय ने अपने अन्य साथियों के साथ ज्वेलरी व्यापारी के 42 लाख रुपये लूट लिए. पीड़ित व्यापारी ने थाना रामनगर में शिकायत दर्ज कराई. मामला बड़ा था तो पुलिस ने जांच करनी शुरू की. जांच और सीसीटीवी फुटेज से जब पहली तस्वीर सामने आई तो परत दर परत पूरा मामला खुलता चला गया. चौकी इंचार्ज सूर्यप्रकाश पांडेय से तीन दिन तक कड़ी पूछताछ चली. तीन दिन के बाद जब मामला खुला तो सच सामने आया है और लूट की पूरी कहानी खुल गई.दरअसल 22 जून को वाराणसी के नीचीबाग बाग स्थित ज्वैलरी व्यापारी वाराणसी से कोलकत्ता अपने कर्मचारियों से 93 लाख की रकम भेज रहा था. दो कर्मचारी यह रकम लेकर बस से जा रहे थे, जिसकी सूचना चौकी इंचार्ज सूर्य प्रकाश पांडेय को हुई और उसने लूट का प्लान बनाया. चौकी इंचार्ज सूर्यप्रकाश पांडेय ने दो अन्य लोगों को लूट के प्लान में शामिल किया. बस में पहले से ही अपने एक आदमी को बैठा दिया. बस जैसे ही हाइवे पर पहुंची, वैसे ही चौकी इंचार्ज ने वर्दी में और एक अन्य लुटेरे अपने आपको क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर बस रुकवाई. कैश लेकर दोनों कर्मचारियों को बस से उतार दिया. हवाला का पैसा बताकर 93 लाख में से 42.50 लाख रख लिए और 50 लाख लौटा दिए.डीसीपी गौरव बंसले ने बताया, ‘दोनों कर्मचारियों ने कारोबारी को फोन लगाया और पूरी वारदात बताई. यह भी बताया कि एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में था और दो व्यक्ति सिविल ड्रेस में थे. सूचना मिलते ही कारोबारी रामनगर थाने पहुंचा लेकिन पुलिस ने ऐसी किसी कार्रवाई से इनकार कर दिया. ऐसे में कारोबारी में अपने दोनों कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया. घटनास्थल चंदौली जिले का था, इसलिए वाराणसी पुलिस ने केस चंदौली पुलिस को ट्रांसफर कर दिया. चंदौली पुलिस को जांच में एक नंबर हाथ लगा. जब उस नंबर को ट्रेस किया तो वह दरोगा सूर्यप्रकाश पांडेय का निकला. चंदौली पुलिस ने वाराणसी कमिश्नर मोहित अग्रवाल को सूचना दी. फिर स्पेशल टीम जांच में लगाई गई. जांच में सामने आया कि सूर्यप्रकाश रामनगर और सैय्यदरजा थाने से लूटकांड की बार-बार अपडेट ले रहा था. ऐसे में जांच टीम का शक और गहरा गया. सोमवार दोपहर नदेसर चौकी की टीम सूर्यप्रकाश के घर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया.’सूर्यप्रकाश से कमिश्नर की निगरानी में पूछताछ की गई तो उसने अपने अन्य साथियों के नाम बताए. दरोगा के पास से पुलिस को कुल 8.5 लाख रुपये बरामद हुए हैं. वाराणसी कमिश्नरेट ने पूरे मामले का खुलासा किया. लूट के मामले में दो लुटेरों को मीडिया के सामने पेश किया लेकिन दारोगा सूर्यप्रकाश पांडेय को पूछताछ के बहाने पेश नहीं किया. चौकी इंचार्ज के पद पर तैनात होते हुए लूट को अंजाम देने वाले दरोगा को पुलिस मीडिया के सामने आने से बचाती हुई दिखी. इस मामले में पूरी कहानी सूर्यप्रकाश पांडेय ने ही लिखी।