एक केस पर मिलते हैं चार हजार, रोजाना 25 से 30 का टारगेट
रिपोर्टर अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम्स
बलिया ब्यूरो
108, 102 एंबुलेंस सेवा में फर्जीवाड़े के आरोप की गूंज तेज हो गई है। एक केस पर एबुलेंस कंपनी को सरकार से चार हजार रुपये मिलते हैं। ऐसे में प्रत्येक एबुलेंस चालक व एमटी को रोज 25 से 30 केस करने का टारगेट मिल रहा है, जो टारगेट पूरा नहीं कर पाता है, उसको नौकरी से निकाल दिया जाता है। मजबूरी में कर्मचारी गड़बड़ी करते हैं।
सेवा से निकाले गए कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि एंबुलेंस सेवा प्रदाता ग्रीन हेल्थ सर्विस कंपनी कर्मचारियों पर केस बढ़ाने का दबाव बनाती है। ऐसा न करने पर नौकरी से निकाल दिया जाता है। मजबूरन कर्मचारी फर्जी आंकड़ा पीसीआर पर चढ़ाते हैं। सबसे ज्यादा फर्जी केस हॉस्पिटल से घर जाने वाले मरीजों के नाम पर किया जाता है। दर्ज होने वाले अधिकांश मोबाइल नंबर फर्जी मिलेंगे। एक ही मरीज को कई बार अस्पताल में दिखाया जाता है। अस्पताल के रजिस्टर में मरीज कब आया है, उसका मिलान किया जाए तो लगभग फर्जी मिलेंगे। आरोप है कि जो कर्मचारी गड़बड़ी का विरोध करते थे, उनको कंपनी निकाल देती है।
जिले में 76 एबुलेंस, 304 कर्मी हैं तैनात
जनपद में 108, 102 की 76 एबुलेंस हैं। यह एबुलेंस मरीजों को अस्पताल लाने और ले जाने का काम करती हैं। 76 एबुलेंस में करीब 304 कर्मचारी तैनात है। एक एबुलेंस में चालक और एमटी यानी दो कर्मचारी होते हैं। प्रत्येक टीम 12 घंटे की ड्यूटी करती है।
समय की बचत के लिए एक साथ दो से तीन मरीजों को एंबुलेंस से ले जाया जाता है। ताकि कम समय में अधिक से अधिक लोगों को सेवा दी जा सकें।
प्रभाकर यादव, प्रोग्राम मैनेजर,ग्रीन हेल्थ सर्विस।