सीएम केजरीवाल लंबे समय से जमानत पाने की कोशिश कर रहे थे : कांग्रेस प्रवक्ता डॉ ओनिका मेहरोत्रा
CM Kejriwal was trying to get bail for a long time: Congress spokesperson Dr Onika Mehrotra
जम्मू-कश्मीर:। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। इसे लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता डॉ ओनिका मेहरोत्रा ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने कहा कि केजरीवाल को जमानत दिलाने के लिए कानूनी प्रक्रिया चली। वह लंबे समय से जमानत पाने की कोशिश कर रहे थे। लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए भी उन्हें जमानत मिली थी। इस समय कई राज्यों में चुनाव है, इसलिए हो सकता है कि उन्हें उसी के मद्देनजर जमानत मिली हो। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि प्रक्रिया तेजी से होनी चाहिए। एक मौजूदा सीएम अपने राज्य से गायब है। कई विकास कार्य रूके हुए हैं। शुक्र है कि उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत जमानत मिल गई है। अब वह इस मामले में कब बरी होंगे? यह सवाल अभी भी बना हुआ है। जब तक दस्तावेज पूरे नहीं हो जाते। क्लीन चिट मिलने में कितना समय लगेगा। यह देखने वाली बात है।”
केजरीवाल पर लगे आरोपों के बारे में उन्होंने कहा कि यह डॉक्यूमेंटेशन पर निर्भर करता है। तथाकथित शराब नीति घोटाले की बात हो रही है। शराब नीति को लेकर नई स्कीम क्यों आई? अगर स्कीम सही थी तो उसमें बदलाव क्यों किया गया? इसलिए लोग पूछ रहे हैं कि अगर नई स्कीम अच्छी थी तो उसे क्यों हटाया गया और अगर पुरानी स्कीम अच्छी थी तो नई क्यों लाई गई। इसका मतलब है कि कुछ खामियां हैं। अब इस मामले में ईडी ने उनसे क्या सवाल पूछे और सीबीआई ने क्या सवाल पूछे। यह एक प्रक्रिया है। एजेंसियां अपनी कार्रवाई करेगी। लेकिन यह न्यायिक तरीके से होनी चाहिए।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा कि “शर्तें ट्रायल कोर्ट द्वारा तय की जाएंगी।” दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने केजरीवाल की जमानत का फैसला सुनाया।जस्टिस उज्जल भुइयां ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के समय पर गंभीर सवाल उठाते हुए केंद्रीय एजेंसी द्वारा “देर से की गई गिरफ्तारी” को अनुचित ठहराया। बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 10 दिनों चली पूछताछ के बाद उन्हें तिहाड़ भेज दिया गया था।सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी विशेष अनुमति याचिका में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड आदेशों को चुनौती दी थी, साथ ही भ्रष्टाचार के मामले में जमानत की भी मांग रखी थी।