Azamgarh :राम को मनाने चित्रकूट पहुंचे भरत लक्ष्मण को शांत कराए राम

राम को मनाने चित्रकूट पहुंचे भरत लक्ष्मण को शांत कराए राम

 


रिपोर्टर राकेश श्रीवास्तव
सगड़ी आजमगढ़
शारदीय नवरात्रि में अजमतगढ़ बाजार में रामलीला समिति नया चौक अजमतगढ़ आजमगढ़ में आज की रात भरत की अपने भ्राता श्री राम को मनाने के लिए जंगल में चित्रकूट जाते हैं उनके आने की खबर सुनकर लक्ष्मण को लगता है कि राजा भरत अपनी पूरी सेना लेकर के जंगल में ही प्रभु श्री राम को मार कर अपना राज्य निष्कंटक कर लेना चाहता है इसी बात से दुखी होकर लक्ष्मण श्री राम से कहते हैं कि कुछ भी हो जाए आज आप हमें मत रोकिएगा क्योंकि भरत अपनी पूरी सेना लेकर आपको समाप्त करने आ रहा है लक्ष्मण जी के गुस्से को देखते हुए श्री राम कहते हैं कि मैंने आज तक भाई तुमको कभी नहीं किसी काम के लिए रोका लेकिन आने वाले का मकसद तो जान लो भरत ऐसा नहीं है कि उसे राजमद हो जाए इसी बीच जब भरत शत्रुघ्न प्रभु श्री राम के पास आते हैं तो उनके चरणों में गिरकर अपनी मां के द्वारा किए गए कार्य पर दुखी होते हुए क्षमा याचना करते हैं तो प्रभु श्री राम उन्हें अपने गले से लगा लेते हैं और लक्ष्मण यह देखकर पश्चाताप करने लगते हैं l चित्रकूट से श्री राम लक्ष्मण व सीता जी पंचवटी पहुंच जाते हैं और वहां जाकर पूर्ण कुटी बनाकर विश्राम करते हैं उसी समय लंका के राजा रावण की बहन शूर्पणखा आती है और श्री राम से शादी का प्रस्ताव करती है तो श्री राम उसे कहते हैं कि मैं तो शादीशुदा हूं तुम लक्ष्मण के पास जाओ और उसी से शादी का प्रस्ताव करो बार-बार सूर्पनखा कभी श्री राम के पास तो कभी लक्ष्मण जी के पास जाती है और बाद में गुस्सा में आकर सोचती है कि मैं अगर इसके साथ आई हुई इसकी पत्नी को ही मार दूं तो मेरी शादी इसी से हो जाएगी इतना सोचते हुए सूर्पनखा जैसे ही माता सीता के तरफ बढ़ती है लक्ष्मण श्री राम का इशारा पाकर सूर्पनखा की नाक काट लेते हैं फिर सूर्पनखा अपने भाई खर दूषण के पास जाती है और खर दूषण श्री राम से युद्ध करते हुए यमलोक पहुंच जाते हैं l यह खबर लेकर के सूर्पनखा जब अपने भ्राता रावण के पास पहुंचती है और अपनी आप बीती सुनाती है तो रावण कहता है कि खर दूषण मो सम बलवंता इन्हें को मारे बिन भगवंता रावण यह सोच लेता है कि जब खर दूषण मेरे समान इतने बलशाली हैं फिर भी वह युद्ध में मारे गए तो निश्चित है कि प्रभु ही मनुष्य रूप में अवतरित हुए हैं इसलिए मैं उनसे बैर लूंगा फिर वह अपने मामा मारिच के पास जाता है और अपनी योजना बताता है उसके मामा मारीच प्रभु श्री राम की कुटिया के पास जाता है और सीता जी उसको देखकर श्री राम जी से कहती हैं कि यह हिरण हमें चाहिए सीता जी के जिद के आगे रामचंद्र हिरण का पीछा करते हुए जंगल में दूर निकल जाते हैं इधर लक्ष्मण जी सीता जी के रखवाली करते रहते हैं इस समय हे लक्ष्मण है लक्ष्मण की आवाज सुनकर सीता घबरा जाती हैं और उनकी सहायता के लिए लक्ष्मण को जाने के लिए कहते हैं तो लक्ष्मण जी जाने से पहले एक रेखा खींचते हैं और कहते हैं कि माते कुछ भी हो जाए इस रेखा के बाहर मत आइएगा इस समय लंका अधिपति रावण एक साधु का वेश बनाकर भिक्षा मांगने का भोग करता है जब सीता जी उसे रेखा के अंदर से देती हैं तो कहता है मुझे बधी हुई भिक्षा नहीं चाहिए अगर भिक्षा देना है तो आकर बाहर मुझे भिक्षा दे माते सीता जी को अपने दरवाजे से किसी को खाली हाथ जाते बहुत बुरा लगता है इसलिए वह रेखा से बाहर आती है और रावण हरण कर लेता है आज की रामलीला में राम का अभिनय पप्पू तो लक्ष्मण के रोल में मुकेश शूर्पणखा के रोल में उपेंद्र सिंह ने दमदार प्रदर्शन करते हुए श्रोताओं को मंत्र मुक्त कर दिया l
रामलीला समिति नया चौक अजमतगढ़ के अध्यक्ष सोमनाथ राजभर तो उपाध्यक्ष अर्जुन शिल्पकार डायरेक्टर पिंटू जायसवाल कोषाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा और मंच संचालक रंजीत शिल्पकार ने क्षेत्र के लोगों से आवाहन किया है हमारे मंच पर भक्ति से संबंधित जोरदार अभिनय चल रहा है क्षेत्र के सभी जनमानस ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर प्रभु श्री राम की लीला का मंचन देखें व कलाकारों का मनोबल बढ़ाएं l

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