जातीय हिंसा से प्रभावित 2,072 किसानों को मुआवजा देगी मणिपुर सरकार
Manipur government will give compensation to 2,072 farmers affected by ethnic violence
इंफाल:। मणिपुर सरकार ने राज्य में 17 महीने से चल रहे जातीय संघर्ष से प्रभावित 2,072 किसानों को 13.3 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कानून व्यवस्था संकट से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों के अनुसार, इस धनराशि से ‘क्षतिपूर्ति फसल पैकेज’ के दूसरे चरण के अंतर्गत 2,072 किसानों को राहत मिलेगी।
राज्य के आयुक्त (गृह) एन. अशोक कुमार ने एक अधिसूचना में कहा कि इस जातीय संकट के दौरान किसानों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
अधिसूचना में कहा गया है, “प्रतिपूरक उपायों का उद्देश्य उन लोगों की सहायता करना है जिनकी आजीविका राज्य में हाल ही में हुई उथल-पुथल से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई है।” अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों के लिए समय पर सहायता महत्वपूर्ण है, जिनमें से कई अपनी जीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं।
राज्य सरकार ने हजारों किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों के दौरान सुरक्षा भी प्रदान की।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने पहले कहा था कि कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जातीय हिंसा के दौरान 5,554 किसानों की कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जिससे उनकी आजीविका खतरे में पड़ गई है।
अधिकारी ने बताया कि मणिपुर स्टार्टअप योजना के तहत राज्य सरकार चालू वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान राज्य में पहले से स्थापित व्यवसाय के मालिक पात्र उद्यमियों को मुख्यमंत्री उद्यमिता सहायता योजना (सीएमईएसएस) से 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जो अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहते हैं।
चरण 1 के तहत लाभार्थियों की लक्षित संख्या 5,000 है। राज्य के योजना विभाग ने 10 लाख रुपये की परियोजना लागत के भीतर 17 नमूना परियोजनाओं को शॉर्टलिस्ट किया है। वित्त पोषण पैटर्न 65 प्रतिशत ऋण, 30 प्रतिशत सब्सिडी और 5 प्रतिशत मार्जिन मनी है। अधिसूचना में कहा गया है कि यह ऋण सीजीटीएमएसई/मणिपुर क्रेडिट गारंटी स्कीम (एमसीजीएस) के तहत बिना किसी जमानत के कवर किया गया है।
इस संघर्ष में अब तक 230 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। 11,133 घरों में आग लगा दी गई है, जिनमें से 4,569 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। पिछले साल मई में भड़की जातीय हिंसा के सिलसिले में विभिन्न पुलिस थानों में कुल 11,892 मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य सरकार ने 59,414 आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों को आश्रय प्रदान करने के लिए 302 राहत शिविर स्थापित किए हैं।