जियाउल हक हत्याकांड में 11 साल बाद आया सीबीआई कोर्ट का फैसला, सभी 10 आरोपियों को उम्रकैद

CBI court's decision came after 11 years in Ziaul Haq murder case, all 10 accused got life imprisonment

 

लखनऊ: प्रतापगढ़ के सीओ जियाउल हक की हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बुधवार को सजा का ऐलान कर दिया। सभी 10 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

सीबीआई कोर्ट ने सभी 10 आरोपियों पर 19,500 का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने जुर्माने की आधी रकम को जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद को देने का आदेश दिया है।

सीबीआई के वकील के.पी. सिंह ने बताया कि यह मामला 2 मार्च 2013 का है। बलीपुर गांव में प्रधान के परिजनों और समर्थकों ने कुंडा के सीओ जियाउल हक की हत्या कर दी थी। इस मामले की जांच सीबीआई ने की और इसके बाद दोषियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

के.पी. सिंह ने कहा, “सीबीआई कोर्ट ने 4 अक्टूबर को जियाउल हक हत्याकांड मामले की सुनवाई के दौरान सभी 10 आरोपियों को दोषी करार दिया था। आज कोर्ट का फैसला आया है। सभी आरोपियों को धारा 302 और 149 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही हर एक आरोपी पर 19,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस जुर्माने की आधी रकम जियाउल हक की पत्नी को दी जाएगी।”

इस मामले में आरोप कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर भी लगे थे। इसके अलावा उनके करीबी गुलशन यादव का भी नाम सामने आया था। हालांकि, बाद में उन्हें क्लीन चिट दे गई थी।

जियाउल हक हत्याकांड मामले में 11 साल बाद सीबीआई कोर्ट का फैसला आया है। इस मामले में फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी, जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

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