प्रियंका गांधी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति के सहारे ही चुनाव जीत सकती हैं : कृष्णा गौर
Priyanka Gandhi can win elections only with the help of politics of Muslim appeasement: Krishna Gaur
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कृष्णा गौर ने प्रियंका गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का सहारा लेकर ही चुनाव जीत सकती हैं। उन्हें पता था कि वह उत्तर भारत की किसी भी सीट से चुनाव नहीं जीत सकती हैं, जिसे देखते हुए उन्होंने दक्षिण भारतीय सीट वायनाड का चयन किया।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस इस देश का धर्म के नाम पर विभाजन करने वाली पार्टी है। यही कारण है कि प्रियंका गांधी उस सीट से चुनाव से लड़ने गई है, जो मुस्लिम बाहुल्य है। वह उत्तर भारत की किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ीं, क्योंकि उन्हें पता था कि अगर वह उत्तर भारत की किसी सीट से चुनाव लड़ेंगी, तो उन्हें हार का मुंह देखना होगा। प्रियंका गांधी को पता था कि तुष्टिकरण की राजनीति करके ही चुनाव जीत सकती थीं, वह किसी भी हिंदू बाहुल्य सीट से चुनाव नहीं जीत सकती हैं। क्योंकि कांग्रेस का चाल चरित्र, चेहरा इस देश के सामने आ चुका है। इस देश की जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी।”
उन्होंने राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसले का जिक्र कर कहा, “मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं और बच्चों को हर महीने चार हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। यह निर्णय न केवल पीड़ितों के लिए एक सहारा है, बल्कि उनके मान-सम्मान को भी बहाल करने का एक प्रयास है। मुख्यमंत्री के प्रति मैं हृदय से आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाई और इस बड़े कदम को उठाया। यह निर्णय उन बहनों और बेटियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, जो दुष्कर्म की शिकार होने के कारण सामाजिक अपमान और भेदभाव का सामना कर रही थीं। अगर उन्हें हर महीने आर्थिक सहायता मिलती है, तो इससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा और वे अपने बच्चों की शिक्षा तथा अन्य दीर्घकालिक सुविधाओं का ध्यान रख सकेंगी।”
उन्होंने आगे कहा, “हम सभी को यह समझना चाहिए कि केवल दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि पीड़ितों को भी न्याय मिलना चाहिए। इस संबंध में हमारी कैबिनेट ने एकजुटता से इस प्रस्ताव का समर्थन किया है।”
इस बीच उन्होंने जनसंख्या पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “भारत में आज तक यह माना जाता रहा है कि यह युवा आबादी वाला देश है, लेकिन हालिया आंकड़ों से यह स्पष्ट हो रहा है कि बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में यदि हम इस दिशा में ध्यान नहीं देंगे, तो भविष्य में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अन्य देशों जैसे जापान में, जहां जनसंख्या की उम्र बढ़ रही है, वहां युवाओं की कमी का सामना किया जा रहा है। इसलिए, हमें इस सोच को समझना चाहिए कि यदि किसी राज्य की सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है, तो यह निश्चित रूप से एक चिंता का विषय है। उनकी योजना का उद्देश्य भविष्य में युवाओं की संख्या को बढ़ाना और संतुलन बनाए रखना है।”