आर्थिक समीक्षा में इन चीजों पर सावधान रहने की बताई जरूरत

The need to be careful about these things is mentioned in the economic review

 

नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा। वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक समीक्षा रिपोर्ट में सितंबर की समीक्षा में यह बात बताई।

साथ ही मंत्रालय ने अपनी इस रिपोर्ट में कई मामलों पर सावधान रहने के संकेत भी दिए। रिपोर्ट के मुताबिक इस सीजन सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इससे लोगों का शहरों की तरफ रुझान कम हुआ है, खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में। इसके चलते शहरों की मांग में आई नरमी पर नजर रखने की जरूरत है।

भारी बारिश के चलते खाद्यान्न के पर्याप्त बफर स्टॉक और मौसमी फसल से जबरदस्त पैदावार की उम्मीद से फसल कीमतों पर दबाव कम होने के आसार जताए गए हैं।

सितंबर की मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दर दो महीने की नरमी के बाद इस महीने बढ़ गई है। इसका मुख्य कारण अनियमित मानसून के चलते कुछ सब्जियों की आपूर्ति में आई कमी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि कुछ सब्जियों की कीमतों में तेजी को छोड़ दिया जाए, तो महंगाई काफी हद तक नियंत्रण में है।

साथ ही सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया है। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, बाह्य क्षेत्र लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, जो बढ़ते पूंजी प्रवाह, स्थिर रुपये और संतोषजनक विदेशी मुद्रा भंडार से स्पष्ट होता है। इस उपलब्धि के साथ, भारत सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले शीर्ष चार देशों में शामिल हो गया है।

रिपोर्ट में नौकरी बाजार के संदर्भ में बताया गया है कि विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों में वृद्धि जारी है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के लिए उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण से भी प्रकट होता है। इसके अलावा, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत नए सदस्यों का जुड़ना, क्रय प्रबंधकों के रोजगार उप-सूचकांक, और नौकरी जॉब स्पीक इंडेक्स संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन का संकेत देते हैं। हालांकि, कुछ रिपोर्टों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के कारण कर्मचारियों की नौकरियों पर असर की बात की गई है, जिससे इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

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