पीएम मोदी का संबोधन, बॉलीवुड से लेकर 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' तक का जिक्र, फिर कांग्रेस पर जुबानी प्रहार

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नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी के दौर में लगाई गई इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर जुबानी प्रहार किए।

पीएम मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं का आदर करना चाहिए था, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए थी। लेकिन, कांग्रेस ने आजादी के तुरंत बाद ही संविधान निर्माताओं की भावनाओं की धज्जियां उड़ा दी थीं। आजादी के बाद जब देश में चुनी हुई सरकार नहीं थी और चुनाव तक के लिए स्टॉप-गैप अरेंजमेंट था, तो उस स्टॉप-गैप अरेंजमेंट में जो महाशय बैठे थे, उन्होंने आते ही संविधान में संशोधन कर दिया। चुनी हुई सरकार आने तक का भी इंतजार नहीं किया। उन्होंने ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ को कुचला, अखबारों पर, प्रेस पर लगाम लगा दी और दुनिया में डेमोक्रेट का टैग लगाकर घूमते रहे।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ये संविधान की भावना का पूरी तरह अनादर था। नेहरू जी प्रधानमंत्री थे, पहली सरकार थी और मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई। उसमें मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता गाई थी, ‘कॉमनवेल्थ का दास है’, इसके जुर्म में नेहरू जी ने देश के महान कवि को जेल भेज दिया। मशहूर एक्टर बलराज साहनी एक जुलूस में शामिल हुए थे, उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। लता मंगेशकर जी के भाई हृदय नाथ मंगेशकर जी ने वीर सावरकर पर एक कविता लिखी थी और उसे आकाशवाणी पर गाना चाहते थे। उन पर आकाशवाणी से आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया।

उन्होंने कहा कि इसके बाद देश ने इमरजेंसी का दौर भी देखा है। संविधान को किस प्रकार कुचला गया, संविधान की भावना को सत्ता सुख के लिए किस प्रकार रौंदा गया था, ये देश जानता है। इमरजेंसी में प्रसिद्ध सिनेमा कलाकार देवानंद जी से कहा गया कि वे सार्वजनिक रूप से इमरजेंसी का समर्थन करें। लेकिन, देवानंद जी ने साफ-साफ इमरजेंसी का समर्थन करने से इनकार कर दिया। इसलिए, दूरदर्शन पर देवानंद जी की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया। किशोर कुमार जी ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया। इस एक गुनाह के लिए आकाशवाणी पर किशोर कुमार के सभी गानों को प्रतिबंधित कर दिया गया।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं इमरजेंसी के उस दौर को कभी नहीं भूल सकता हूं। जो लोग लोकतंत्र और मानव गरिमा की बातें करते हैं और भाषण देने के शौकीन लोग हैं। आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडिस समेत देश के अनेक महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थीं, जंजीरों से बांधा गया था। संसद के सदस्य, देश के गणमान्य नेताओं को हथकड़ियों और जंजीरों से बांधा गया था। इनके मुंह से संविधान शब्द शोभा नहीं देता है। सत्ता सुख के लिए शाही परिवार के अहंकार के लिए देश के लाखों परिवार को तबाह कर दिया गया था। देश को जेल खाना बना दिया गया था।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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