आजमगढ़ के मनिकाडीह बाजार में भीषण आग से हाहाकार, 10 लाख का सामान जलकर राख
Massive fire in Manikadih market of Azamgarh causes havoc, goods worth 10 lakh burnt to ashes
संवाददाता – जितेंद्र यादव
जीयनपुर/आजमगढ़: जनपद के जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के मनिकाडीह बाजार में बुधवार की रात एक भीषण आग की घटना ने तबाही मचा दी। रात करीब 2 बजे अचानक लगी आग ने कई दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे करीब 10 लाख रुपये का सामान जलकर खाक हो गया। आग इतनी भयावह थी कि उसे बुझाने में घंटों की मशक्कत करनी पड़ी। दुकानदारों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया, क्योंकि उनकी मेहनत से जुटाई गई जिंदगी की गाड़ी एक रात में राख में तब्दील हो गई।
आग लगने का कारण अभी तक रहस्य बना हुआ है। हालांकि, आग की शुरुआत बहादुर की कपड़े प्रेस की दुकान से हुई, जो देखते ही देखते पास की अन्य दुकानों में फैल गई। फूलचंद की पान की गुमटी, राजू प्रजापति की मिठाई की दुकान, रामकेश मौर्य और राजेंद्र प्रजापति की सब्जी की दुकानें भी आग की चपेट में आ गईं। आग की तीव्रता तब और बढ़ गई जब दो गैस सिलेंडर भी लपटों में आ गए। इससे आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और पूरा बाजार धुएं और आग के गोले में तब्दील हो गया।
आग देखते ही स्थानीय लोगों ने बचाव के लिए जुट गए। लोगों ने बाल्टियों और पानी के साधनों से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेज थी कि उसे काबू करना मुश्किल हो रहा था। घंटों की मशक्कत के बाद आखिरकार आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सबसे ज्यादा नुकसान राजेश प्रजापति की मिठाई की दुकान को हुआ, जहां लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया।
गुरुवार सुबह तहसील प्रशासन की टीम घटनास्थल पर पहुंची और नुकसान का आकलन किया। प्रशासन ने दुकानदारों को आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया है। हालांकि, यह सहायता कितनी और कब तक मिलेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। वहीं, सुबह से ही मौके पर लोगों की भीड़ जुटी हुई थी। लोग आग लगने के कारणों को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगा रहे थे। कुछ का कहना था कि यह शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ, तो कुछ का मानना था कि यह किसी की नापाक साजिश का नतीजा है।
इस घटना ने दुकानदारों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। उनका कहना है कि यह सामान उनकी जिंदगी भर की कमाई था, जो एक रात में ही खत्म हो गया। अब उनके सामने फिर से शुरुआत करने की चुनौती है, लेकिन बिना किसी आर्थिक सहारे के यह लड़ाई बेहद मुश्किल लग रही है।
इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा और अग्निशमन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि अगर समय पर अग्निशमन विभाग की गाड़ियां पहुंच जातीं, तो शायद नुकसान कम होता। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?