आजमगढ़:हेड कांस्टेबल ने सरकारी असलहे से की आत्महत्या, विभाग में मचा हड़कंप
Azamgarh. Head constable Nandlal posted at Mehanajpur police station of the district committed suicide by shooting himself with a government weapon in his government residence on Friday morning. This heartbreaking incident is said to have happened at around 9 am.
आजमगढ़। जनपद के मेंहनाजपुर थाना में तैनात हेड कांस्टेबल नंदलाल ने शुक्रवार सुबह अपने सरकारी आवास में सरकारी असलहे से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह हृदयविदारक घटना सुबह लगभग 9 बजे की बताई जा रही है।अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) चिराग जैन ने बताया कि हेड कांस्टेबल नंदलाल मलखाने में मुंशी के पद पर तैनात थे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और फोरेंसिक टीम पहुंची। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में आवास का दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सुबह 4 से 5 बजे के बीच कुछ लोगों ने नंदलाल को टहलते हुए देखा था। इसके बाद वह अपने कमरे में गए और गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस आत्महत्या के कारणों की गहराई से जांच कर रही है। हर पहलू को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है, जिससे परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
पुलिस विभाग में आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं बनी चिंता का विषय, मानसिक दबाव और कार्यभार बने मुख्य कारण
देशभर में पुलिस विभाग के भीतर आत्महत्या के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जो अब एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। हाल के वर्षों में यह देखने में आया है कि पुलिसकर्मी न केवल अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, बल्कि अत्यधिक मानसिक दबाव, लंबी ड्यूटी, व्यक्तिगत समस्याएं और विभागीय तनावों के बीच घुटते भी नजर आ रहे हैं।विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस बल में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अभी भी गंभीरता से कदम नहीं उठाए गए हैं। नतीजतन, कई अधिकारी और कर्मचारी तनाव में जी रहे हैं और समय रहते उचित परामर्श न मिलने के कारण आत्मघाती कदम उठा रहे हैं।आज उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एक हेड कांस्टेबल द्वारा अपने सरकारी आवास में आत्महत्या कर लेने की घटना ने एक बार फिर पुलिस विभाग में भीतर से टूटते मनोबल को उजागर कर दिया है। विभिन्न संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस बल में नियमित काउंसलिंग, कार्य के घंटों में संतुलन और बेहतर कार्यस्थल वातावरण की माँग की है, ताकि ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण मामलों की रोकथाम की जा सके।